Thursday, May 16, 2024

BPB-HAM SAB EK HAI

 


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हम सब एक है
 ये बाल पॉकेट बुक मैंने बहुत पहले पढ़ी थी अभी जब कुछ दिन बाद ये मुझे दुबारा मिली तो बहुत ही दयनीये स्थिति थी तो इसे स्कैन करना ही एक विकल्प लगा मुझे. अब ये ताउम्र सुरक्षित है.
 मनोज पब्लिकेशन एक बहुत बड़ा पब्लिकेशन है. इस पब्लिकेशन ने नावेल,कॉमिक्स, धार्मिक पुस्तकें सभी कुछ ये पब्लिकेशन करते थे फिर जब कॉमिक्स और नावेल की मांग में कमी आये तो इन्होने कॉमिक्स और नावेल छापना बंद करके धार्मिक पुस्तकों और स्कूल की पुस्तकें छापना शुरू कर दिया अभी फिलहाल इन्ही दोनों का प्रकाशन चल रहा है. 
ये बाल पॉकेट बुक "मनोज" ने लिखा है. ये एक ट्रेड नाम है और इस तरह के नाम को गोस्ट राइटिंग में इस्तेमाल किया जाता है. वैसे तो नावेल में गोस्ट राइटिंग में जिनका नाम सबसे ज्यादा चला वो "मनोज" है और भी कई नाम में दिमाग में आ रहे है जिनमे से प्रमुख नाम "विनय प्रभाकर", "टाइगर", कॉमिक्स राइटिंग में भी ऐसे कई नाम इस्तेमाल हुए जिसमे परमिंदर जुनेजा(जटायु की कॉमिक्स) विनय प्रभाकर (हवलदार बहादुर) राजा ( राजा रानी की कॉमिक्स राज कॉमिक्स में और कुछ बांकेलाल की कॉमिक्स ) और भी बहुत होंगे जैसे केशव पंडित, आशीर्वाद पंडित और भी बहुत. गोस्ट राइटिंग का फ़ायदा सिर्फ पब्लिकेशन ही उठाते थे. नए लेखकों की कहानी को इन किसी नाम से छाप कर उन्हें उनकी कहानियों का क्रेडिट भी नहीं नहीं दिया जाता था. अगर कोई मुझसे पूछे तो मुझे टाइगर के नावेल मेजर बलवंत के नावेल मनोज के नावेल तिलक की लिखी आक्रोश की कॉमिक्स .इन सब लेखकों के बारे में जानने की इच्छा होती है पर इनके बारे में शायद ही हमें कभी पता चले.

Wednesday, April 17, 2024

BPB-THAILA KHOL DO (RAJAN-IQBAL )

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राजन- इक़बाल -थैला खोल दो 
 यस- सी बेदी जी ने इतने बाल उपन्यास लिखे की उनका हिसाब लगाना लगभग असंभव है. ये उन गिने चुने लेखकों में से है जिनके नाम सी सबसे ज्यादा फ़र्ज़ी कहानियां छापी गयी और मज़ेदार बात ये है की अगर इनका नाम होता तो कहानी कैसी भी क्यों न हो उनका हिट होना लगभग तय था. पहले शायद चरित्रों का कॉपी राइट नहीं था. इसलिए जब भी ये कोई प्रकाशन छोड़ते थे तो वो प्रकाशक यस सी बेदी के और राजन इक़बाल के नाम से दूसरे लेखक से लिखवा कर नावेल छाप देता था. जब डायमंड कॉमिक्स के लिए बेदी जी ने राजन इक़बाल के कॉमिक्स लिखी तो उनके जाने के बाद भी राजन इक़बाल की सीरीज चलती रही. इससे बचने के लिए इन्होने कभी अपनी शोल वाली फोटो कभी बैटमिंटन लिए फोटो तो कभी कुछ कभी कुछ दे कर लोगो को नकली कहानी से बचाने का प्रयास किया. लेकिन जब कॉमिक्स का दौर खात्म होने लगा तो सबसे पहले बाल पॉकेट बुक बंद हुवा और इसके बाद जिस लेखक के नाम का डंका बजता था उस लेखक तो लोग बिलकुल भूल गए. यहाँ तक इनकी मौत की खबर भी कोई खबर न बन सकी. कुछ भी हो बेदी जी के बाल उपन्यास मुझे आज भी बहुत पसंद है और वो मेरे दिल में हमेशा जिन्दा रहेंगे .

Monday, April 1, 2024

BPB-CHAK KA RAHSYA (RAJAN-IQBAL )

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बाल पॉकेट बुकस -राजन इक़बाल और चाक का रहस्य 
 आज बहुत दिनों बाद मैं कोई किताब उपलोड कर रहा हूँ। कारण तो कई थे उनमे से सबसे बड़ा कारण स्कैनर का ख़राब होना है। अभी भी ये स्कैनर सही से काम नहीं कर रहा है और फिलहाल पैसे इतने भी नहीं है कि नया स्कैनर ख़रीदा जा सके। इसलिए स्कैनिंग लगभग मेरी तरफ से बंद ही थी। 
 दूसरा कारण राहुल जी का लगातार नए अपलोड इस ब्लॉग पर उपलभ्ध करवाने से भी मेरा मन खुश था इसलिए मेरे अपलोड करने से या न करने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। 
 तीसरा करना तो ज्यादातर कॉमिक्स का कॉपी राइट में आने कि करना जो भी कॉमिक्स स्कैन करने को उठावो तो पता चलता की ये तो अपलोड कर ही नहीं सकते तो बस फिर काम ठन्डे बास्ते में। पर अभी कुछ दिन पहले कॉमिक्स उलट पलट रहा था तो दो तीन बाल पॉकेट बुकस पर नज़र पड़ी तो पता चला की इन्हे तो दीमक खा रही है और अगर जल्द ही इनका कुछ न किया गया तो ये ख़राब हो जाएँगी तो जो सबसे पहला काम था वो इन्हे स्कैन करना था तो जब स्कैन किया तो फिर उपलोड करना तो बनता ही था तो ये आपके सामने है।
 इन कहानियों को बहुत पहले पढ़ा था इसलिए मुझे बिलकुल याद नहीं आ रहा है की कहानी कैसी है। पढ़ कर देंखे और मुझे भी बताएं।