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Scan by-Manoj Pandey
Edited by-Aby Kapoor
मनोज कॉमिक्स -८०८-लोहे का पुतला
ये सभी कॉमिक्स उस समय की है जब कॉमिक्स के लिए लोगो में बहुत क्रेज़ था। इसलिए उस समय में लेखक पर जल्दी -जल्दी कॉमिक्स लिखने का दबाव था। ये कॉमिक्स उसी दबाव का नतीजा लगती है। न तो कहानी में कोई दम है और न ही चित्रों में। बस ऐसा लगता है की सेट में कॉमिक्स की गिनती बढ़ाने के लिए इस कॉमिक्स को प्रिंट कर दिया गया था। फिर भी ये कॉमिक्स एक बार पढ़ी तो जा ही सकती है।
कहानी शुरू होती है एक चोरनी की जो की चोरी करके भाग रही होती है और उसे पकड़ने के लिए सिपाही उसके पीछे। फिर एक खाई के पास उसका घोडा आ कर रुक जाता है। आगे बढ़ने का मतलब भी मौत था और पीछे रुकने का मतलब भी मौत। फिर वो चोरनी घोड़े के मदद से खायी कूदने का मन बना लेती है। घोडा कूदता तो है पर दूसरी तरफ पहुच नहीं पाता है। और दोनों खायी में जा गिरते है और दोनों के मौत हो जाती है।
इसके बाद क्या होता है इसके लिए तो आप को कॉमिक्स पढ़नी ही पड़ेगी। आप डाउनलोड करके पढ़े और बताईये की ये कहानी आप को कैसी लगी।
Scan by-Manoj Pandey
Edited by-Aby Kapoor
मनोज कॉमिक्स -८०८-लोहे का पुतला
ये सभी कॉमिक्स उस समय की है जब कॉमिक्स के लिए लोगो में बहुत क्रेज़ था। इसलिए उस समय में लेखक पर जल्दी -जल्दी कॉमिक्स लिखने का दबाव था। ये कॉमिक्स उसी दबाव का नतीजा लगती है। न तो कहानी में कोई दम है और न ही चित्रों में। बस ऐसा लगता है की सेट में कॉमिक्स की गिनती बढ़ाने के लिए इस कॉमिक्स को प्रिंट कर दिया गया था। फिर भी ये कॉमिक्स एक बार पढ़ी तो जा ही सकती है।
कहानी शुरू होती है एक चोरनी की जो की चोरी करके भाग रही होती है और उसे पकड़ने के लिए सिपाही उसके पीछे। फिर एक खाई के पास उसका घोडा आ कर रुक जाता है। आगे बढ़ने का मतलब भी मौत था और पीछे रुकने का मतलब भी मौत। फिर वो चोरनी घोड़े के मदद से खायी कूदने का मन बना लेती है। घोडा कूदता तो है पर दूसरी तरफ पहुच नहीं पाता है। और दोनों खायी में जा गिरते है और दोनों के मौत हो जाती है।
इसके बाद क्या होता है इसके लिए तो आप को कॉमिक्स पढ़नी ही पड़ेगी। आप डाउनलोड करके पढ़े और बताईये की ये कहानी आप को कैसी लगी।
Thanxs manoj and aby bhai..
ReplyDeleteSir ek b comics download nhi ho rha. Please sir agr possible ho to available kara dijiye...
ReplyDeleteSari links dead Hain pls upload kijiye phr see ya mjhe mail KR dein raashidahmad9@gmail.com
ReplyDeletesahi boha
ReplyDeleteHi Sir,
ReplyDeleteMost of the link are expired. Can you please look into it.
Thanks