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Scan by-Manoj Pandey
Edited by-Shrichand Chavan
मनोज कॉमिक्स -८१३-रूहों का देवता
जैसा की मैं पहले ही लिख चूका हूँ की भूत की कॉमिक्स लिखने में कुछ भी नहीं होता है लेखक के पास। ये कहानी भी कुछ भी नया पन नहीं लाती है। इस कहानी में भी एक तांत्रिक का भूतों की मदद से अपना बदला लेना दिखाया गया है।
कहानी शुरू होती है एक शेठ पर भूत के आने से। भूत के प्रभाव के कारण तो तड़प रहा होता है। और उसके बाद उसका अंत जिस तरह से होता है वो चित्रों के माध्यम से बाखूबी दर्शाया गया है। कहानी भले ही कैसी भी हो पर चित्रों ने तो इस कॉमिक्स में हंगामा ही मचा रखा है। अगर आप को भूतों से डर लगता है तो ये कॉमिक्स आप को डराने में जरूर सफल होगी। पढ़े और डरने का आनद लें।
Scan by-Manoj Pandey
Edited by-Shrichand Chavan
मनोज कॉमिक्स -८१३-रूहों का देवता
जैसा की मैं पहले ही लिख चूका हूँ की भूत की कॉमिक्स लिखने में कुछ भी नहीं होता है लेखक के पास। ये कहानी भी कुछ भी नया पन नहीं लाती है। इस कहानी में भी एक तांत्रिक का भूतों की मदद से अपना बदला लेना दिखाया गया है।
कहानी शुरू होती है एक शेठ पर भूत के आने से। भूत के प्रभाव के कारण तो तड़प रहा होता है। और उसके बाद उसका अंत जिस तरह से होता है वो चित्रों के माध्यम से बाखूबी दर्शाया गया है। कहानी भले ही कैसी भी हो पर चित्रों ने तो इस कॉमिक्स में हंगामा ही मचा रखा है। अगर आप को भूतों से डर लगता है तो ये कॉमिक्स आप को डराने में जरूर सफल होगी। पढ़े और डरने का आनद लें।
बहोत खूब
ReplyDeleteThanxs manoj and shrichand bhai..
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