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पवन कॉमिक्स - सुपर पॉवर विक्रांत और कालयंत्र का पुजारी
जैसा की मै पहले ही बता चुका हूँ की "पवन कॉमिक्स" में "चट्टान सिंह" और "सुर्यपुत्र" के बाद ये ही एक चरित्र था जिसके पास ढेर सारी आलौकिक शक्तियां थी। कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स मुझे बहुत अच्छी लगी थी,और इनको पढने में मुझे बहुत मज़ा आता था। पर तब किराये पर कॉमिक्स पढने का चलन था और कॉमिक्स खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे। पर जब कॉमिक्स का समय ख़राब आया तब तक मै नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव में पूरी तरह से खो चूका था और उनकी कॉमिक्स बहुत बेहतर कहानियों और चित्रों के साथ आती थी,और मुझे बहुत दिनों तक इन कॉमिक्स के बंद हो जाने का पता ही नहीं चला।
अगर नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव की कॉमिक्स आ रही है तो मेरे लिए सब कॉमिक्स आ रही थी,पर जब राज कॉमिक्स ने भी कॉमिक्स कम छापनी शुरु की तब पढने के लिए कॉमिक्स कम पड़ने लगी,तब जा कर मुझे लगा की उन कॉमिक्स को पढ़ा जाये जो की मुझे अच्छी लगती थी। उनमे से "भूतनाथ'' (नूतन कॉमिक्स) और "सुर्यपुत्र"(पवन कॉमिक्स), और "सुपर पॉवर विक्रांत"(पवन कॉमिक्स). पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी,जल्दी से ये कॉमिक्स मिल नहीं रही थी और कुछ लोग पहले से इस बारे में सजग हो चुके थे और वो दुकानदारों को ज्यदा पैसा दे रहे थे और तब तक मै उन्ही पुराने ढर्रे पर जी रहा था की प्रिंट रेट से आधे ही पैसे दूंगा,इससे ये कॉमिक्स मुझे नहीं मिली। और जब मैंने पैसे देने शुरु किया तब तक जैसे सब ख़तम हो चुका था, "मनोज कॉमिक्स" तो एक बार मिल भी जाती थी पर पवन, नूतन, नीलम के दर्शन दुर्लभ हो चुके थे। फिर मै इन्टरनेट की दुनियां में आया तो पाया की कॉमिक्स को स्कैन और अपलोड करके हमेशा के लिए बचाया जा सकता है,उसके बाद से आज तक इसी प्रयास में लगा हूँ। जब मैंने स्कैन करना शुरु किया था तब से मेरी हार्दिक इच्छा थी की "सुर्यपुत्र" और "सुपर पॉवर विक्रांत" किसी तरह से अपलोड हो जाएँ। पर मेरे पास इन दोनों की एक भी कॉमिक्स नहीं थी और मुझे लगता भी नहीं था की कभी होंगी। पर कहते है न की
"जहाँ चाह, वहाँ राह" पहले तो प्रदीप शेरावत जी ने सुर्यपुत्र की पहली कॉमिक्स जो मुझे भेजी वो थी
"मौत की पुतली" और सिर्फ इस कॉमिक्स के लिए मैंने पूरा पाकेट अपने ऑफिस में खोल दिया था बिना इस बात की परवाह किये की लोग क्या सोचेंगे। फिर तो कॉमिक्स एक-एक करके मिलने लगी और सुर्यपुत्र लगभग पूरी हो रही थी दो कॉमिक्स को छोड़ कर एक "सुर्यपुत्र" और दूसरी "सुर्यपुत्र और बौना राक्षस" . फिर मुझे देवेन्द्र भाई के यहाँ जाने का मौका मिला और उनके यहाँ से मुझे "सुर्यपुत्र" मिल गयी और बहुत से
"सुपर पॉवर विक्रांत" की कॉमिक्स,पर इस सिरीज़ में भी एक परेशानी थी की इसकी दूसरी कॉमिक्स "कालयंत्र का पुजारी" नहीं मिल रही थी और अधूरी कहानी पोस्ट करने का मेरा मन नहीं हो रहा था। पर आखिरकार "प्रदीप जी" की मदद से ये कॉमिक्स मुझे मिल गयी है जिसे आज मै अपलोड कर रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ की इस सिरीज़ की सारी कॉमिक्स अपलोड करने में मै सफल हो पाउँगा।
आप ने ,उम्मीद है की "सुपर पॉवर विक्रांत" का भरपूर आनंद लिया होगा और थोड़े बेचैन होंगे उस कहानी का अंत जानने के लिए,तो देर किस बात की है डाउनलोड कीजिये।
आप सब इस बेहतरीन कॉमिक्स का आनंद लें दुबारा जल्दी ही मिलते है।
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पवन कॉमिक्स - सुपर पॉवर विक्रांत और कालयंत्र का पुजारी
जैसा की मै पहले ही बता चुका हूँ की "पवन कॉमिक्स" में "चट्टान सिंह" और "सुर्यपुत्र" के बाद ये ही एक चरित्र था जिसके पास ढेर सारी आलौकिक शक्तियां थी। कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स मुझे बहुत अच्छी लगी थी,और इनको पढने में मुझे बहुत मज़ा आता था। पर तब किराये पर कॉमिक्स पढने का चलन था और कॉमिक्स खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे। पर जब कॉमिक्स का समय ख़राब आया तब तक मै नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव में पूरी तरह से खो चूका था और उनकी कॉमिक्स बहुत बेहतर कहानियों और चित्रों के साथ आती थी,और मुझे बहुत दिनों तक इन कॉमिक्स के बंद हो जाने का पता ही नहीं चला।
अगर नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव की कॉमिक्स आ रही है तो मेरे लिए सब कॉमिक्स आ रही थी,पर जब राज कॉमिक्स ने भी कॉमिक्स कम छापनी शुरु की तब पढने के लिए कॉमिक्स कम पड़ने लगी,तब जा कर मुझे लगा की उन कॉमिक्स को पढ़ा जाये जो की मुझे अच्छी लगती थी। उनमे से "भूतनाथ'' (नूतन कॉमिक्स) और "सुर्यपुत्र"(पवन कॉमिक्स), और "सुपर पॉवर विक्रांत"(पवन कॉमिक्स). पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी,जल्दी से ये कॉमिक्स मिल नहीं रही थी और कुछ लोग पहले से इस बारे में सजग हो चुके थे और वो दुकानदारों को ज्यदा पैसा दे रहे थे और तब तक मै उन्ही पुराने ढर्रे पर जी रहा था की प्रिंट रेट से आधे ही पैसे दूंगा,इससे ये कॉमिक्स मुझे नहीं मिली। और जब मैंने पैसे देने शुरु किया तब तक जैसे सब ख़तम हो चुका था, "मनोज कॉमिक्स" तो एक बार मिल भी जाती थी पर पवन, नूतन, नीलम के दर्शन दुर्लभ हो चुके थे। फिर मै इन्टरनेट की दुनियां में आया तो पाया की कॉमिक्स को स्कैन और अपलोड करके हमेशा के लिए बचाया जा सकता है,उसके बाद से आज तक इसी प्रयास में लगा हूँ। जब मैंने स्कैन करना शुरु किया था तब से मेरी हार्दिक इच्छा थी की "सुर्यपुत्र" और "सुपर पॉवर विक्रांत" किसी तरह से अपलोड हो जाएँ। पर मेरे पास इन दोनों की एक भी कॉमिक्स नहीं थी और मुझे लगता भी नहीं था की कभी होंगी। पर कहते है न की
"जहाँ चाह, वहाँ राह" पहले तो प्रदीप शेरावत जी ने सुर्यपुत्र की पहली कॉमिक्स जो मुझे भेजी वो थी
"मौत की पुतली" और सिर्फ इस कॉमिक्स के लिए मैंने पूरा पाकेट अपने ऑफिस में खोल दिया था बिना इस बात की परवाह किये की लोग क्या सोचेंगे। फिर तो कॉमिक्स एक-एक करके मिलने लगी और सुर्यपुत्र लगभग पूरी हो रही थी दो कॉमिक्स को छोड़ कर एक "सुर्यपुत्र" और दूसरी "सुर्यपुत्र और बौना राक्षस" . फिर मुझे देवेन्द्र भाई के यहाँ जाने का मौका मिला और उनके यहाँ से मुझे "सुर्यपुत्र" मिल गयी और बहुत से
"सुपर पॉवर विक्रांत" की कॉमिक्स,पर इस सिरीज़ में भी एक परेशानी थी की इसकी दूसरी कॉमिक्स "कालयंत्र का पुजारी" नहीं मिल रही थी और अधूरी कहानी पोस्ट करने का मेरा मन नहीं हो रहा था। पर आखिरकार "प्रदीप जी" की मदद से ये कॉमिक्स मुझे मिल गयी है जिसे आज मै अपलोड कर रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ की इस सिरीज़ की सारी कॉमिक्स अपलोड करने में मै सफल हो पाउँगा।
आप ने ,उम्मीद है की "सुपर पॉवर विक्रांत" का भरपूर आनंद लिया होगा और थोड़े बेचैन होंगे उस कहानी का अंत जानने के लिए,तो देर किस बात की है डाउनलोड कीजिये।
आप सब इस बेहतरीन कॉमिक्स का आनंद लें दुबारा जल्दी ही मिलते है।
Thanks, Manoj Bhai
ReplyDeleteWelcome Brother
ReplyDeleteThanks a lot Manoj bro. Had checked net after around a week and am happy to see all these uplaods from your side.
ReplyDeleteWelcome brother
Deletemai to hamesha yahi koshish karta hun, kuch behtar aur kuch alag upload ho
par ye sab to sabhi ke pasand aane par nirbhar karta hai
मनोज भाई इस पार्ट का बहुत बहुत धन्यवाद् वर्ना हमे अंधकूप सा इंतजार करना पड़ता|
ReplyDeleteमैने मेरे दोनों बेटों के साथ मिलकर ये कहानी पढ़ी है| इस टेक्नोलॉजी के युग में आज के बच्चे भी पुरानी कॉमिक्स पढना(सुनना)पसंद करते हैं| देख कर ख़ुशी होती है|
प्रदीप जी का भी धन्यवाद|
Sun ka achcha laga ki aap ke bache bhi purani comics me interest lete hai.
Deleteaur rahi comics ke second part ki baat to meri hamesha koshish rahti hai ki
comics adhuri upload na ho, agar koi badi mazburi na ho to comics ka dusra par jarur aur jaldi upload karta hun,
Manoj bhai link dead ho chuke h kya aap phir s link provided kara sakte h
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