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इंद्रजाल कॉमिक्स-९५-राजपाल का संकट
वैसे तो ये कॉमिक्स पहले से ही उपलोडेड है वो भी अच्छी क्वालिटी में। पर जब मुझे ये कॉमिक्स मिली तो इसकी हालात अच्छी नहीं थी और इस में पेपर वाले कीड़े लगे थे। तो मैंने इन्हें बेचने का फैसला किया। पर देने से पहले मैंने इन्हें स्कैन कर लिया था तो सोचा की इससे अपलोड भी कर दिया जाये। मैं किस क्वालिटी में अपलोड करता हूँ आप सब को पता है अगर बेहतर लगे तो डाउनलोड कीजिएगा।
आज मेरा मन कुछ ऐसा लिखने का कर रहा है जैसा मैंने पहले कभी नहीं लिखा था। आज मैंने ये पहली कोशिश की है अगर कोई त्रुटि तो तो माफ़ कर दीजियेगा।
राज कॉमिक्स का पहला सुपर हीरो विनाशदूत है पर उसकी बहुत कम कॉमिक्स छापी गयी है जिससे वो बहुत नाराज़ है और मेरी उनसे बात सपने में होती है उसके बाद क्या होता है आप खुद पढ़ कर देखे। (अगर मेरी कोई बात किसी को ठेस पहुचती है तो अग्रिम माफ़ी )
विनाशदूत का दर्द
जैसा की हम सभी जानते है की विनाशदूत राज कॉमिक्स का पहला हीरो है। आज जब मैं सोया था तो वो मेरे सपने में आया और अपना दर्द मुझे बयान करने लगा।
हमारे बीच जो भी बाते हुई वो इस प्रकार है।
विनाशदूत - उठो मनोज उठो कब तक सोते रहोगे ?
मनोज पांडेय- क्यों परेशान करते हो वैसे भी मुझे सोने का टाइम नहीं मिलता।
विनाशदूत- अरे , उठ भी जाओ देखो मैं विनाशदूत तुमसे मिलने आया हूँ।
मनोज पांडेय- विनाशदूत ! ( और फिर मैं सपने में ही जग गया ) अरे आज आप को मेरी याद कैसे आ गयी मैंने तो कोई लाल बल्ब भी नहीं जलाया था छत पर ?
विनाशदूत- हाँ क्यों नहीं तुम भी उड़ा लो मेरा मज़ाक।
मनोज पांडेय- अरे नहीं विनाशदूत जी आप मेरे सबसे फ़ेवरेट सुपर हीरो हो।
विनाशदूत - झूठ क्यों बोलते हो। ब्लॉग पर कभी सूर्यपुत्र लिखते हो और कभी राम-रहीम, और कभी सुपर कमांडो ध्रुव। कभी मेरा नाम तो लिया ही नहीं। सामने देखा तो झूठ बोलते हो
मनोज पांडेय- समझा कीजिये आप ही मेरे फेवरेट है ब्लॉग पर तो कॉमिक्स डाउनलोड बढ़ाने के लिए ये सब लिखना पड़ता है। खैर ये सब छोड़िये और बताइये आप इतने परेशान क्यों लग रहे है ?
विनाशदूत -ऐसे कह रहे हो जैसे तुम्हे कुछ पता ही नहीं है।
मनोज पांडेय- सही में कुछ पता नहीं है आप ही बता दो।
विनाशदूत-राज कॉमिक्स वालों ने मेरे साथ न्याय नहीं किया ?
मनोज पांडेय- ऐसा न कहे
विनाशदूत- क्यों न कहूँ , मैं उनका पहला सुपर हीरो हूँ। पर मुझ से ज्यादा कहानी तो प्रचण्डा और सुक्राल जैसे "सी " ग्रेड हीरो पर लिखा राज कॉमिक्स वालों ने।
मनोज पांडेय- बात तो आप की सही है।
विनाशदूत- क्या कमी है मुझ में ? अच्छी खासी सुपर पावर है मुझ में। मेरी पहली तीन कहानियों में कोई कमी लगी आप को ?
मनोज पांडेय- सच कहूँ तो मुझे तो ये कहानियाँ बहुत अच्छी लगी थी।
विनाशदूत- और नहीं तो क्या ? मुझे पता है मेरी कहानियाँ बहुत अच्छी है। परशु राम शर्मा जी मेरी कहानी बड़े मनोयोग से लिखी थी। ब्लैक मार्केटिंग वाले मेरी कॉमिक्स को ५०० रुपए तक में बेच रहे है।
मनोज पांडेय- मैं समझ रहा हूँ आप की बात। पर मुझे लगता है आप सुपर मैन की नक़ल लगते थे इसलिए आप की कॉमिक्स पर काम कम हुआ।
विनाशदूत - क्या बकवास कर रहे हो ? क्या दूसरे ग्रह से आना सुपर मैन का कॉपी राईट है ? वैसे भी वो पैदा होते ही धरती पर आया था और मैं जवान आया था। उसको किसी ने जवान होने तक पाला था। और मैंने आते है धरती की सेवा करने लगा। मैं उससे बहुत अलग हूँ। मैं किसी सुपर मैन की कॉपी नहीं हूँ। हमारी कहानी में कोई समानता नहीं है।
मनोज पांडेय- माफ़ कीजियेगा मैंने तो बस गेस किया था आप की कॉमिक्स कम छापने के लिए। वैसे जो मुझे लगता है की आप की कॉमिक्स कम छापे जाने का कारण आप की कॉमिक्स का कम सेल होना ही है। विनाशदूत-क्या वेवकूफी वाली बाते करते हो ? अरे भाई जब कोई दूकान सुरु होती है तो तुरंत से ही बिक्री होनी थोड़े ही सुरु हो जाती है। मेरे साथ थोड़ा और सब्र दिखाते तो मेरी कॉमिक्स भी खूब बिकती। तीन छाप कर बंद कर दी।
मनोज पांडेय - ऐसा मत बोलिये। आप की और भी कॉमिक्स उन्होंने छापी है जैसे "शैतान",और "भांजा" बीच में आप पहली सुपर विशेषांक नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव में भी थे।
विनाशदूत- जले पर नमक मत छिड़को। भला मेरे जैसा हाई टेक हीरो भूत-प्रेत की कॉमिक्स में चलेगा। और तो और साथ में गगन को भी मेरे साथ चिपका दिया। कहानी में मेरे लायक कुछ था भी ?
मनोज पांडेय- बात तो आप की ठीक ही है। पर अब आप ही बताएं की कैसे राज कॉमिक्स वाले ने आप के साथ न्याय नहीं किया ?
विनाशदूत-सबसे पहला अन्याय तो परशुराम शर्मा जी से नागराज लिखवाना था। जब उनके पास दूसरा सुपर हीरो आ गया तो उन्होंने मुझ पर ध्यान देना बंद ही कर दिया।
मनोज पांडेय - एक बात कहूँ बुरा मत मानियेगा। नागराज और आप दोनों को परशुराम शर्मा जी ने लिखा और दोनों की तीन ही कहानी लिखी। पर नागराज खूब सफल हुवा और आप को सबने भुला दिया।
विनाशदूत - कर दो तुम भी बेज्जती। ये क्यों भूल रहे हो नागराज को परशुराम शर्मा जी के बाद भारत के सबसे बेहतर चित्रकार (प्रताप मुकुल) ने बनाया और मुझे तो किसी ने छुवा तक नहीं। उसे लिखा राज कॉमिक्स की बेहतर टीम "राजा", "संजय गुप्ता" और "तरुण कुमार वाही" जी ने और मुझे किसी पूछा तक नहीं। मेरा इन्होंने ख्याल ही नहीं किया जबकि लोग अपने पहले बेटे से सबसे ज्यादा प्यार करते है। पर राज कॉमिक्स वालों ने मुझे कूड़ेदान में फेक दिया था। अपने बेहतर चित्रकार और बेहतर लेखक से कहानियॉ लिखवाते तो मैं नागराज से भी ज्यादा सफल होता।
मनोज पांडेय- सुना है वो आप को सर्वनायक सीरीज में लाये है।
विनाशदूत- तुमने पढ़ा की उन्होंने मेरी क्या दुर्गति की है कॉमिक्स में ?
मनोज पांडेय- नहीं आप तो जानते हो। जब तक सीरीज पूरी नहीं होती मैं उसे खरीद कर रख तो लेता हूँ पर पढता नहीं हूँ।
विनाशदूत- तब तो तुम पढ़ चुके इस सीरीज को ! दस साल से पहले ये कम्पलीट होगी नहीं और तब तक तुम इस सीरीज के बाकि पार्ट खो दोगे। फिर कभी नहीं पढ़ पाओगे।
मनोज पांडेय- ऐसा न कहिये मैं सारे पार्ट संभाल कर रखूँगा। आप के कारण। और संजय जी से अनुरोध करूँगा की कम से कम एक कॉमिक्स तो वो आप की आज के सबसे बेहतर लेखक और चित्रकार "श्री अनुपम सिन्हा" जी से लिखवाएं। तो आप को भी ये न लगे की राज कॉमिक्स वालों ने अपने पहले सुपर हीरो के साथ न्याय नहीं किया।
तभी आलार्म बजने लगा और मैं उठ कर बैठ गया। फिर कभी अगर विनाशदूत से मुलाकात होती है तो आप सब को जरूर बताऊंगा।
Thanks Manoj Jim bahut rare copy hai manoj comics ka Maya set kab upload karenge
ReplyDeleteWelcome Brother
DeleteSet apne time per hi upload ho jayega
मनोज जी, कृपया सारें हिंदी इंद्रजाल अपलोड करें | आपकी बड़ी कृपा होगी |
ReplyDeleteऐसा एक भी ब्लॉग नहीं जिसपे इंद्रजाल के सारें ८०३ इश्यूज़ अपलोडेड है |
मैंने बहोत खोजा लेकिन ५०% से ज्यादा मिसिंग है | जो है उनके links काम नहीं कर रहे | कृपया गौर करें |
brother apsos ke sath kahna pad raha hai ki mere pass indrajaal ka collection nahi hai aur is samy mai unhe kharidne ki isthiti me bhi nahi hun
Deleteaur jo so called indrajaal collector hai unko apne ego se jyada kisi cheez se pyar nahi hai to aap indrajaal ka complete collection ko ek jagah se download ka sapna dekhna bhool hi jayen
Bhaiji , aapne to mera comment hi delete kar diya. Aisa kya keh diya maine? Yahi to kaha tha ki aap chudiya gaye ho.
ReplyDeletebaat samjh me nahi aayi thi isliye delete kar diya tha
Deletewaise samjh me abhi bhi nahi aayi hai par theek hai is comment ko isi tarah chod de raha hun
Thanks Manoj Jim bahut rare copy hai manoj comics ka Maya set kab upload karenge
ReplyDeletebrother mai kafi busy rahta hun
Deletetime kam milta hai isliye koi date bata pana mushkil hota hai isliye time na pucha karen please
Thanxs manoj bhai.. waise accha article lika aapne..
ReplyDeleteThanks brother
DeleteBahut bahut shukriya Manoj Bhaiya, Vinashdoot mera bhi manpasand hero hai.
ReplyDeleteBahut bahut shukriya Manoj Bhaiya, Vinashdoot mera bhi manpasand hero hai.
ReplyDeletePls reupload.
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