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प्रभात कॉमिक्स -४०७ -नाना जी की सुरमेदानी
ये प्रभात कॉमिक्स की हास्य से भरपूर कॉमिक्स है। एक दिन नाना जी घर के बहार बैठे होते है उनकी सुरमेदानी खो जाती है। सुरमेदानी में दो बाते खास है पहले उन्हें इनाम स्वरूप मिली थी दूसरे वो चांदी की थी। फिर शुरू होता है सुरमेदानी ढूंढने का सिलसिला। तो पता चलता है वो सुरमेदानी एक बंदर के पास है वो उससे सुरमेदानी वापस पाने का प्रयास शुरू होता है पर कामयाबी मुश्किल लग रही थी। जैसा सीधा-सीधा दिख है वैसा नहीं है। बन्दर खुद ले गया या फिर उसके पीछे किसी की चाल है। जानने के लिए एक कॉमिक्स को पढ़े।
बहोत बहोत धन्यवाद मनोजजी !!!
ReplyDeleteईश्वर आपके हर काममें आपको सफलता प्राप्त करें यहीं मनोकामना !!!
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