राधा कॉमिक्स -४५- चलती फिरती लाश
ये प्रोफेसर प्रेतनाथ की एक और शानदार कॉमिक्स है, जैसा की हम सब जानते है की प्रोफ़ेसर साहब को दुबारा इंसान बनने की बहुत जल्दी है, पर वो भी क्या करें, उनका दिल जो बहुत अच्छा है, इसलिए न चाहते हुए भी लोगो की मदद को कही न कहीं रुक जाते है और उनकी किस्मत इतनी ज्यादा ख़राब है की उनके इंसान बनने में कहीं न कहीं कुछ रुकावट आ ही जाती है, मुझे तो उनके इंसान बनने के अवसर कम ही नज़र आते है, पर दिल तो मेरा भी करता है की वो इंसान बन ही जाये. भूत मशीन से जो उनका भूत वाला सफ़र शुरु हुआ था वो अभी तक ख़तम नहीं हुआ है, देखते है की उनका भूतो वाला सफ़र यहाँ ख़तम होता है या नहीं, इस बार अपने ऐसे मित्र को खोज रहे है , जो समझदार होने के साथ- साथ दिल का मज़बूत हो, और जब वो अपने एक मित्र से मिलने जा रहे थे तभी उनकी नज़र एक ताज़ी- ताज़ी लाश पर पड़ी जिसका किसी ने क़त्ल कर दिया था , बस फिर क्या था प्रोफ़ेसर साहब उस लाश को जिन्दा कर के कैसे उसके कातिल का पता लगते है, ये ही इस कहानी का सबसे बेहतर पहलु है. पढ़े और इस बेहतरीन कॉमिक्स का आनंद ले, फिर मिलते है ...........
Thanxs bhai.
ReplyDelete