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आनंद चित्रकथा-६५-दूल्हे राजा चले ससुराल
मनोज कॉमिक्स पूरी तरह से अपलोड करने के बाद अभी मै दिशाहीन हूँ। राज कॉमिक्स के कारण अब तुलसी कॉमिक्स पर काम संभव नहीं है। मनोज कॉमिक्स की सार्वजानिक शेयरिंग सम्भव नहीं है। पर इस बात का संतोष है की कॉमिक्स कॉमिक्स डिजिटल रूप में मेरे पास उपलभ्ध है। मनोज कॉमिक्स की कुल १२०७ कॉमिक्स को अपलोड करने में बहुतों का योगदान रहा। जिसने एक बार भी अपलोड करने की सोची होगी उसने मनोज कॉमिक्स ही अपलोड करना चाहा होगा। फिलहाल ये काम तो पूरा हो चुका है।
आज फिर आनंद कॉमिक्स अपलोड कर रहा हूँ इसे स्कैन तो मैंने एक हफ्ते पहले कर लिया था पर अपलोड करने का समय अब मिला है। कहानी के लिहाज़ से पढ़ने लायक। एक मुर्ख का अपनी होने वाली ससुराल जाना और अपने को समझदार दिखाने का प्रयास करना उस प्रयास में होने वाली गलतियां जो हास्य पैदा करती है उसका मज़ा कुछ और ही है।
पढ़े और इस कहानी का भरपूर आनंद लें। फिर मिलते है।