Monday, July 12, 2021

Ganga Chitrakatha-65-Daroga Muchad Singh

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गंगा चित्रकथा-६५-दरोगा मुचड़सिंह
 गंगा चित्रकथा १०० के आस-पास प्रिंट हुयी होंगी। आज की तारीख में ये सबसे द्रुलभ कॉमिक्स में से एक है। इनका मिलना सपने सच होने जैसा है। गंगा चित्रकथा में एक से बढ़ कर एक कॉमिक्स प्रकाशित हुए थे। पर शायद बाकी कॉमिक्स के बेहतर प्रचार नीति और गजब का सेल नेटवर्क ने इन जैसी कई बेहतर पब्लिकेशन को बंद होने पर मज़बूर कर दिया। लेकिन आज जब मै इन्हे पढता हूँ तो पाता हूँ की ये कॉमिक्स बहुत ही बेहतर बानी थी। "शेरी", "पिलपिली साहब", काका जी आदि की कहानियाँ बहुत बेहतर है। काश ये आज दुबारा रीप्रिंट हो पाती जैसे मनोज कॉमिक्स,तुलसी कॉमिक्स,राधा कॉमिक्स हो रही है। 
पर सवाल तो ये भी है की अगर कोई व्यक्ति हिम्मत करके इनके प्रकाशन के राइट्स ले भी ले तो क्या वो ५०० कॉमिक्स कॉपी भी बेच पायेगा। मुझे तो लगता है की १००० बिक जाएँगी। आपको क्या लगता है जरूर बताएं।
 पवन , गोयल , प्रभात , गंगा , दुर्गा , फोर्ट अगर दुबारा रीप्रिंट हो तो क्या इनकी ५००-५०० कपीस भी नहीं बिकेंगी। मुझे तो लगता है १००० बिकेंगी। 
आप अपने विचार जरूर रखे। जिससे कोई तो इनके राइट्स लेने का विचार अपने मन में लाये और हमें ये अनोखी और दुर्लभ कॉमिक्स को दुबारा पढ़ने को मिल सके।