Monday, August 27, 2012

DC-751-Mahabali Shaka Aur Saitaan Se Mutbhed


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महाबली शाका और शैतान से मुठभेड़
जैसे की हमने पिछली कहानी ( महाबली शाका और किडनी के चोर ) में पढ़ा की कैसे सारा जंगल बहुत गहरे संकट में फंसा हुवा है. और जंगल के लिए सबसे ज्यादा परेशानी की बात ये है की महाबली शाका भी इस मुशीबत के बारे में अभी तक कुछ जान नहीं पाए और ऐसा लग रहा है की वो भी इस मुशीबत का शिकार हो जायेंगे. वैसे तो हम सभी जानते है की कहानी के अंत में जीत महाबली शाका की ही होगी पर सवाल ये है की कैसे होगी और उन्हें इस सरे साजिश का पता कैसे चलेगा और वो कैसे भोले भाले जंगलियों को वो इस मुशीबत से निकल पाएंगे.
पिछली बार की तरह इस कॉमिक्स में भी और भी कहानियां है और उन कहानियों को पढने का अलग ही मज़ा है. आप इस बेहतर कहानी का मज़ा ले फिर मिलते है ......

Saturday, August 25, 2012

DC-742-Mahabali Shaka Aur Kidny Ke Chore


महाबली शाका और किडनी के चोर
जैसा की मै अपने पिछले पोस्ट में कह चूका हूँ की "टार्जन" की नक़ल सभी ने की, और उसी टार्जन की एक नक़ल महाबली शाका है, जो की अपने आप में बहुत प्रसिद्ध चरित्र था. हाँ एक बात मै जरुर मानता हूँ की चरित्र की नक़ल तो हिंदी में कॉमिक्स छापने वालों ने की पर कहानी को यहाँ के हिसाब से ही लिखा, कुछ एक कहानियां अपवाद हो सकती है वरना ज्यादातर कहानियां यहाँ की अनुसार लिखी गयी और अच्छी भी थी. इस कॉमिक्स में एक बाहुत ही ज्वलंत मुद्दे को उठाया गया है और वो है किडनी का ख़राब होना आज के वातावरण और खानपान के कारण. पर इस समस्या को ज्यादा विकराल रूप से दिखने की कोशिश की गयी है की अगर ये समस्या ज्यादा बढ़ जाएगी तो लोग पैसे के लिए लोगो की किडनी उनके जानकारी के बिना चोरी या किसी बहाने से निकलने लगेंगे. अब बात करते है इस कॉमिक्स की, जंगल के एक काबिले में फैली एक अनोखी बीमारी जिसका इलाज़ उनके बैद्य के पास नहीं है, जंगल वासी दर्द से तड़प रहे है और ये खबर महाबली शेरा के पास आती है,पर शेरा कोई डाक्टर तो है नहीं की वो कोई इलाज़ खोज लेगा.
सवाल कई है जैसे ये बीमारी क्या है ?
बीमारी कैसे फ़ैल रही है ?
बीमारी स्वाभाविक कारण से फ़ैल रही है या कोई दूसरा कारण है ?
चलिए इस कॉमिक्स को पढ़ते और जानने की कोशिश करते है की सही कारण क्या है, और साथ में कुछ और बेहतर कहानियां है जिसका आनंद हम इस बेहतर कहानी के साथ लेते है. फिर मिलते है .......

Tuesday, August 21, 2012

DC-441-Fauladi Singh Aur Anthrikh Ka Mahatma


फौलादी सिंह और अंतरिक्ष का महात्मा
नाम से ही पता चलता है की कहानी में क्या होगा वैसे तो मुझे लगता है इस कॉमिक्स की नक़ल राज कॉमिक्स वालों ने परमाणु की "परमात्मा सिरीज़" में हम सब के सामने परोस दी है वो नगल थी ये असल है और वो हमें जबरदस्ती ३ कॉमिक्स में परोसी गयी थी ये सिर्फ एक कॉमिक्स में है और उस से कही ज्यादा बेहतर है. पढने लायक कॉमिक्स. और अँधा विश्वास करने से बचने की सीख देने वाला कॉमिक्स. बहुत ही बेहतर लिखा गया है और बहुत शानदार चित्रांकन किया गया है जो की लाजबाब है.
वैसे तो आज मेरा मन कुछ और बात करने का भी कर रहा है आप को शायद न पता हो की अंधे दो प्रकार के होते है,
१-आँख का अँधा जो की दया का पात्र होता है
२-अक्ल का अँधा जो की धुत्कार का पात्र होता है.
और मजेदार बात ये है की आँख के अंधों से अक्ल के अन्धों की संख्या चार गुना से भी ज्यादा है. और आजकल मेरे आसपास अक्ल के अन्धों के संख्या बहुत ज्यदा हो गयी है. खुद अपने मन से सारे काम करेंगे और बाद में कहेंगे की सामने वाले ने बेवकूफ बना दिया. और अगर हर काम आप की शर्त के अनुसार हुआ तो कोई आप को बेवकूफ कैसे बना सकता है,हाँ अगर आप खुद कुएं में कूद जावो तो इसमें किसी की क्या गलती है, पर ये बात इन अक्ल के अन्धों को कोई नहीं समझा सकता, मै भी नहीं. पर आप लोग इन अक्ल के अन्धों के बारे में सोचते हुवे इस बेहतरीन कॉमिक्स का आनंद ले,बाकि और तरह के लोगो से मै आप लोगो को इसी तरह मिलवाता रहूँगा फिर मिलते है......
जाते- जाते आप सभी को इद- मुबारक

Sunday, August 19, 2012

Nutan Comics -Jungle Ki Holi


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नूतन कॉमिक्स/चित्रकथा-जंगल की होली
होली तो आप सब समझते ही होंगे यहाँ उसी होली की बात हो रही है, होली तो ऐसा पर्ब है जिसमे इंसान अपने हर गिला शिकवा भुला कर एक दुसरे से मिलता है.और एक दुसरे को रंग लगता है, और सब एक दुसरे से गले लग कर खुशियाँ मानते है. और होली इसी तरीके से मनाई जाती है, पर जरा सोचिये की जंगल की होली कैसे मनाई जाती है,अगर होली है तो रंग तो होगा है, और अगर रंग का त्यौहार और सभी रंग न लगये ये तो अच्छा नहीं लगेगा. पर सवाल ये है की शेर को रंग कौन लगाएगा,जब की शेर को रंग लगाना पसंद नहीं है,और अब हमें ये देखना है की क्या शेर होली खेलता है की नहीं,और अगर शेर होली खेलता है तो तो उसे रंग कौन लगता है.. चलिए हम सब मिलकर जंगल की होली का आनंद लेते है.....