Monday, May 11, 2020

Bal Pocket Books-Maut Ka Paigaam (Manoj)


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बाल पॉकेट बुक्स-मौत का पैगाम (मनोज )
 बाल पॉकेट बुक्स की कई बुक्स मैंने स्कैन और अपलोड की है। परन्तु वो "अनुपम अग्रवाल जी" के ब्लॉग जो की बाल पॉकेट बुक्स को ही समर्पित था उसी पर अपलोड किया था। परन्तु उन्होंने अपने इस ब्लॉग को पुराने ब्लॉग के साथ मर्ज कर दिया तो मैंने लगभग ५ साल बात कोई बाल पॉकेट बुक्स स्कैन की है। इसे एडिट "श्रीचन्द चौहान" जी ने किया है। इस पॉकेट बुक्स पर ब्लॉग का एड्रेस नहीं डाल पाएं है जो की मेरे हर अपलोड पर होता है। कॉमिक्स की तुलना में बाल पॉकेट बुक्स के चाहने वाले कमहै पर ये भी हमारे उस सुनहरे बचपन की धरोहर है जिसे भी बचाना जरुरी है। दो बाल पॉकेट बुक्स स्कैन की है एक ये है दूसरी भी एडिट हो कर आने पर अपलोड कर दूंगा। उसके बाद इन्हे कब अपलोड कर पाता हूँ कह नहीं सकता।

 मित्रों इस बाल पॉकेट बुक्स को देख कर मुझे छद्म लेखक /घोस्ट राइटिंग के बारे में याद आ रहा है। घोस्ट राइटिंग का सबसे ख़राब पहलु ये था की इसमें नए लेखको के काम को उनके नाम से नहीं किसी और नाम से छापा जाता था। और हमारे उपन्यास जगत,बाल पॉकेट बुक्स, कॉमिक्स में ये खूब चलता था। और इनमे किसी एक लेखक की लिखित कहानी न होकर कई लेखकों की कहानिया होती थी। घोस्ट राइटिंग का सबसे बड़ा नाम अगर कोई सामने आता है तो वो "मनोज " ही है फिर "टाइगर" फिर "केशव पंडित" ,"शिवा पंडित' आदि और मजेदार बात है की इन नामो से किताबे खूब बिकती थी और आज भी बिकती है। बाल पॉकेट बुक्स में दो नाम जो बहुत प्रचलित थे वो मनोज पॉकेट बुक्स में "मनोज" और डायमंड पॉकेट बुक्स में "राजीव" . कॉमिक्स जगत भी इससे अछूता नहीं था। मनोज कॉमिक्स में "महेंद्र जैन" और "तिलक" राज कॉमिक्स में "राजा" फोर्ट कॉमिक्स में "vk" नाम भी इसी में आते है। मेरा अपना विचार है की हर पाठक अपने लेखक के बारे में जानना और उन्हें देखना और मिलना चाहता है। मुझे ' टाइगर" और "मनोज" के उपन्यास बहुत पसंद है। पर मै नहीं जानता की मेरे ये लेखक कौन है। "मनोज" की कई उपन्यास ने मुझे बहुत रुलाया है जैसे "अकेला" और अग्नि परीछा राम की" टाइगर की "जोरू का गुलाम" जिसका अंत ऐसा था की मैंने अभी कल्पना भी नहीं की थी "१३ साल की बुढ़िया" टाइगर का ऐसा उपन्यास था की उसे पढ़कर आप अचंभित रह जायेंगे । ऐसे लेखकों के बारे में जानने की बड़ी इच्छा होती है।

16 comments:

  1. Please Manoj ke aur books bhi upload karen

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  2. Anupam Agarwal ke blog par aadhi books ka link nhi hai. Agar wo sab yahan mil jata to bahut acha hota

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    1. Bahut mushkil hai brother Raj comics ke karan hamara sara dada labbhag kharab ho gya hai aur dubara scan karna time waste hai

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  3. क्या खूब पुरानी यादो को उकेरा हैं मनोज जी घोस्ट राइटिंग और "मनोज " का जिक्र कर. मनोज का मेरा पहला पढ़ा हुआ उपन्यास था "औलाद" वो इतना पसंद आया कि उसके बाद उसके उपन्यास ढूंढ ढूंढ के पढ़े. जिस उपन्यास ने सबसे ज्यादा रुलाया वो था "विधवा" . सबसे ज्यादा सामाजिक चेतना जगाने वाला उपन्यास लगा था "बिखरा परिवार". और सबसे ज्यादा बार अगर मैंने मनोज का उपन्यास पढ़ा था तो वो था "प्यासी गंगा" . आपको याद होगा कि मनोज चित्र कथा ( बड़ी वाली) के सबसे पीछे मनोज के उपन्यास का विज्ञापन होता था और जो नाम अभी दिमाग में आ रहा हैं वो हैं "सुहाग चुडिया" , "दुल्हन ही दहेज़ "
    घोस्ट राइटिंग में नुकसान यह था की कई राइटर तो बहुत अच्छा लिखते थे पर उसी ब्रांड नाम के तहत कोई और घोस्ट राइटर इतनी बेकार कहानी लिख देता था की पुरे ब्रांड का नाम ख़राब हो जाता था. मनोज के कई बाद के उपन्यास जैसे "सात खून माफ़ " वगेरा और कई ऐसे नावेल जो मनोज से छपे पर वो जादू न जगा पाए. कुछ ऐसा ही टाइगर के साथ था। शुरू में प्रकाशित लाश की जिन्दा आँखे , करिश्मा आँखों का , गोली तेरे नाम की , इंसाफ का शहन्शा अगर टाइगर के बेहतरीन उपन्यास थे तो बाद के उपन्यास बहुत बेकार थे और इस कारण मोह भंग होता गया। घटिया उपन्यासों की जो शुरुआत केशव पंडित , रीमा भारती ने की वो शायद हिंदी पल्प उपन्यास की कब्र खोदने का आगाज थी। और अंत आप जानते ही हैं.

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    1. Ji brother maine bhi Tiger aur manoj ke novels dhundh dhundh kar padhe hai but sahi me kuch kahaniyan maha vahiyaaat thi. but ye bhi ek karan tha ki ye naam rakhe jate the jisse kuch bhi chapa ja sake time par

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    2. Ji brother maine bhi Tiger aur manoj ke novels dhundh dhundh kar padhe hai but sahi me kuch kahaniyan maha vahiyaaat thi. but ye bhi ek karan tha ki ye naam rakhe jate the jisse kuch bhi chapa ja sake time par

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  4. Bhai ji dharohar to DC comics bhi hain lekin unhein koi upload nahi kar pa raha. Unhein kaise bachainge?

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    1. Diamond comics copyright issue me aata hai jab tak company running hai unhe hi sochne den inhe bahchane ki

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    2. Main to kehta hun sari DC upload kar ke share kar do password ke saath. Sari dharohar ek saath bach jaaiegi :)

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  5. बहोत बहोत धन्यवाद !!! 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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