Tuesday, August 21, 2012

DC-441-Fauladi Singh Aur Anthrikh Ka Mahatma


फौलादी सिंह और अंतरिक्ष का महात्मा
नाम से ही पता चलता है की कहानी में क्या होगा वैसे तो मुझे लगता है इस कॉमिक्स की नक़ल राज कॉमिक्स वालों ने परमाणु की "परमात्मा सिरीज़" में हम सब के सामने परोस दी है वो नगल थी ये असल है और वो हमें जबरदस्ती ३ कॉमिक्स में परोसी गयी थी ये सिर्फ एक कॉमिक्स में है और उस से कही ज्यादा बेहतर है. पढने लायक कॉमिक्स. और अँधा विश्वास करने से बचने की सीख देने वाला कॉमिक्स. बहुत ही बेहतर लिखा गया है और बहुत शानदार चित्रांकन किया गया है जो की लाजबाब है.
वैसे तो आज मेरा मन कुछ और बात करने का भी कर रहा है आप को शायद न पता हो की अंधे दो प्रकार के होते है,
१-आँख का अँधा जो की दया का पात्र होता है
२-अक्ल का अँधा जो की धुत्कार का पात्र होता है.
और मजेदार बात ये है की आँख के अंधों से अक्ल के अन्धों की संख्या चार गुना से भी ज्यादा है. और आजकल मेरे आसपास अक्ल के अन्धों के संख्या बहुत ज्यदा हो गयी है. खुद अपने मन से सारे काम करेंगे और बाद में कहेंगे की सामने वाले ने बेवकूफ बना दिया. और अगर हर काम आप की शर्त के अनुसार हुआ तो कोई आप को बेवकूफ कैसे बना सकता है,हाँ अगर आप खुद कुएं में कूद जावो तो इसमें किसी की क्या गलती है, पर ये बात इन अक्ल के अन्धों को कोई नहीं समझा सकता, मै भी नहीं. पर आप लोग इन अक्ल के अन्धों के बारे में सोचते हुवे इस बेहतरीन कॉमिक्स का आनंद ले,बाकि और तरह के लोगो से मै आप लोगो को इसी तरह मिलवाता रहूँगा फिर मिलते है......
जाते- जाते आप सभी को इद- मुबारक

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