Monday, October 21, 2013

Indrajaal Comics-26-10-rakhjhasi chidiy



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इंद्रजाल कॉमिक्स- खण्ड-२६-भाग १०-राक्षसी चिड़िया भाग १
इंद्रजाल कॉमिक्स जैसा की मै कई बार कह चूका हूँ कि इसे तो मै इसके समय में बिलकुल भी नहीं पढता था। कारण बिलकुल सीधा सा था इसके चित्रों और कहानियों की तुलना में राज और मनोज कॉमिक्स कही ज्यदा बेहतर थे और इनके किरदारों का विदेशी लगना भी मुझे इस प्रकाशन से कभी जोड़ नहीं पाया यहाँ तक आज तक भी। मेरे एक मित्र के अनुसार फैंटम तो भारतीये पृष्ठभूमि से है और उसके काम भी भारतीय नायकों के तरह से ही है। ये सारी बात तो मुझे अभी पता चली पर मेरा बचपन इसके साथ अपने आप को उस समय बिलकुल भी नहीं जोड़ पाया था। आज तो कम से कम मै इंद्रजाल कॉमिक्स पढ़ लेता हूँ अन्यथा उस समय तो मै इसे मुफ्त में भी पढना पसंद नहीं करता था। और सच कहूँ तो आज भी नहीं, इंद्रजाल कॉमिक्स मै तभी पढता हूँ जब उसे स्कैन करता हूँ क्योंकि उसके बाद मुझे कहानी के बारे में कुछ न कुछ लिखना होता है।
 ये एक तरह से पूर्वाग्रह होता है, की आप ने एक बार जो सही मान लिए बस वही सही है बाकि सब गलत। ये हमेशा चलता अगर मै कॉमिक्स पोस्ट करना शुरु न करता। पर मेरे कुछ भी मान लेने से कुछ भी कम या ज्यदा नहीं हो जाता। फैंटम आज भी भारत ही नहीं विश्व के सबसे प्रशिद्ध चरित्र में से एक है,और हमेशा रहेगा चाहे वो मुझे पसंद हो चाहे न हो।
 यहाँ पर मै जो कुछ भी लिखता हूँ वो मेरी अपनी सोच होती है और मेरा इरादा किसी को भी दुःख पहुचने का बिलकुल ही नहीं होता। इसका सबसे बड़ा उदहारण तो यही है की ये कॉमिक्स मेरे पास है और मै इन्हें लगातार पोस्ट भी कर रहा हूँ जिससे उनको अच्छा महसूस हो जो इनके फैन है पर मेरे अपने विचार तो वही रहेंगे और सच कहूँ कम से कम इंद्रजाल कॉमिक्स के फैंटम से मै तो प्रभावित नहीं हो पाया हूँ।
 अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये, कहानी शुरु होती है एक काबिले से जिस पर एक विशालकाए चील हमला करती और कविले के पशुओं को उठा ले जाती और ये सिलसिला लगातार होने लगता है तो ये बात फैंटम तक पहुचती है। वो इस समस्या को कैसे हल करता है यही इस कहानी का मूल आधार है।
 कहानी जबरदस्ती दो भाग में बाटी गयी है चित्र वैसे ही है जैसे इंद्रजाल कॉमिक्स में होती है।और उस पर भी आधी कॉमिक्स में "किर्बी" की कहानी चलती है जिसको पढने का मेरा मन ही नहीं हुवा। १४ पन्ने कब सुरु होते है और कब ख़तम हो जाते है पता ही नहीं चलता, लेकिन अगर कहानी के स्तर की बात करूँ तो ये बहुत बुरी बिलकुल भी नहीं है बस आप इसे बड़ी कहानी मान कर न चले तो कहानी बहुत अच्छी है और आप इसे कॉमिक्स की नक़ल राज कॉमिक्स की कुछ कॉमिक्स में जरुर मिल जाएगी। इसका दूसरा भाग स्कैन और अपलोड कर चूका हूँ इसी हफ्ते उसे भी आप लोगो के सामने प्रस्तुत कर दूंगा। जल्द ही फिर मिलते है।।।।।।।।

13 comments:

  1. मनोज भाई किसी भी कॉमिक्स के बारे में यदि पहले से कोई दुराग्रह रख कर पढ़ी जाए तो वोह शायद कभी अच्छी न लगेगी | इंद्रजाल कॉमिक्स और उसमें फैंटम का किसी भी अन्य कॉमिक्स से मुकाबला नहीं हो सकता है | हाँ ३०० से नीचे के इंद्रजाल थोड़ी सी उबाऊ अबश्य अगति है पर उससे आगे के कॉमिक्स का अंदाज ही जुदा है | खैर इस इंद्रजाल के लिए बहुत बहुत धन्यबाद |

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  2. Phantom comics loverOctober 21, 2013 at 10:43 PM

    dhanywad manoj ji. Kya aap muje Indrajal Phantom Hindi ki sabhi cmx ki List provide kara sakte hn.... Thanks in advance.

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  3. Manoj bhai ko Bijay ka namaskar mile.
    Aur aapka svayam ki vichar bhinn hote hue, anay logon ke bare main sonchna sadhuvad ke layak hai. Comics ke liye dhanyavad hai. :-)
    Mai aapki blog pe aata rahunga.

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  4. Dhanywad manoj bhai, kya aapke pas NUTAN comics aur Nutan Chitrakatha ki poori List h... Kya aap muje provide karva sakte hn. Thanks in advance.

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