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मनोज चित्रकथा-९२- चिराग का प्रेत
मनोज कॉमिक्स में जो कुछ भी छापा गया है उसकी बात हर मायने में अलग ही होती थी। आज के बच्चो को देख कर अहसास होता है की उनको अपनी सभ्यता के बारे में ना के बराबर पता है। जब हम बच्चे थे तो हमें अपनी सभ्यता से परिचय करवाने वाले ढेरो साधन उपलब्ध थे। जैसे ढेर सारी बच्चो के पत्रिकाएं और कॉमिक्स पर आज ये दोनों ही लगभग गायब है। आज के बच्चो को शेख्सपीयर कालिदास से ज्यादा पता है। रामायण से ज्यादा तो बाइबल के बारे में पता है। हम अपनी सभ्यता को अपने ही हाथो ख़त्म करते जा रहे है। हमें इस बारे में गंभीरता से विचार करने की जरुरत है। पहले हमें सभ्यता की जानकारी पुस्तको से मिल जाती थी पर आज तो उनका भी सहारा ख़त्म हो गया है। मनोज कॉमिक्स के भारतीय सभ्यता के बारे में सबसे ज्यादा कॉमिक्स छापी है। ये कॉमिक्स भी कुछ वैसे ही है। पढ़ने के बाद अजीब सा संतोष होता है। ये कॉमिक्स पहले भी अपलोड की जा चुकी है। जैसा की हम सभी का मानना था की कॉमिक्स जैसी भी कंडीशन में हो उसे अपलोड कर देना चाहिए जिन्होंने ने भी ये कॉमिक्स अपलोड की थी उनके पास स्कैनर नहीं था तो उन्होंने कमरे से फोटो खीच कर अपलोड कर दी थी। जब ये कॉमिक्स मेरे पास आई तो मैंने अब इसे स्कैनर से स्कैन कर के अपलोड करने का मन बनाया और आज ये अपलोड हो रही है।
आज कल जिस तरह से देश में माहौल बनाया जा रहा है उससे तो ये लगता है की हिन्दू होना एक पाप हो गया है और कही आप ने गलती से अपने धर्म के बारे में कुछ कह भी दिया तो आप तो रावण से बड़े पापी हो गए। मै तो सिर्फ एक बात जानता हूँ की मै जन्म से हिन्दू हूँ और मुझे हिन्दू होने पर गर्व है। मै सभी धर्मो का बराबर आदर करता हूँ जिसमे मेरा धर्म भी शामिल है। जिसको मेरे इस बर्ताव से परेशानी है वो मेरा साथ छोड़ सकते है। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में जो हुआ और जो हो रहा है उसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। नाम कन्हिया और काम कंस वाले, कहते है आज़ादी चाहिए (आज़ाद हो कर सुवर तो बन गया है ) मुझे शर्म आती है ये सोच कर की मेरे देश में ऐसे सुवर भी पैदा होते है। और इनका समर्थन करने हमारे या कहे पूरी दुनिया के पप्पू भी आते है और (दूसरे पप्पू ) कहते है की शब्दों से देशद्रोह नहीं होता तो फिर ठीक है आप दोनों सुवर की औलाद हो जिंदगी भर मैला खा कर जीवन बिताया है और आगे भी यही इरादा है,पता नहीं किस सुवर की औलाद हो। गटर में रहने में ही आनंद है। तुम दोनों एक बाप की औलाद हो नहीं सकते। ( इतने शब्द बड़े सयम से लिखे है। वैसे भी जब शब्दों से देश द्रोह नहीं होता तो व्यक्ति द्रोह कैसा ?) पर इस सारे प्रकरण से सारे सुवर एक तरफ हो गए है जिन्हे पहचानना और उन्हें ख़त्म करना आसान हो गया है। इस बार चुनाव आने दो माँ और बेटे में नहीं जीतेंगे।
अभी बहुत गुस्सा है इसलिए लिखना बंद कर रहा हूँ। पर एक बात जरूर लिखना चाहूंगा की अनुपम सिन्हा जी जिनकी मैंने जब से पढ़ना सुरु किया है बहुत इज़्ज़त की है। आज तो मुझे अनुपम जी की तो पूजा करने का मन करता है जिस तरह से उन्होंने देश के बारे में अपने विचार लगातार रखे और आज भी रख रहे है। इस बात से बेपरवाह की कुछ लोग उनसे नाराज़ हो सकते है। और यही विचार मेरे भी खून में दौड़ रहा है जो की आप का ही दिया हुवा है। देश के आगे कुछ नहीं न माँ ,न बाप , गुरु , न बेटा , और न भगवान। मेरे लिए देश ही सबसे ऊपर है।
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मनोज चित्रकथा-९२- चिराग का प्रेत
मनोज कॉमिक्स में जो कुछ भी छापा गया है उसकी बात हर मायने में अलग ही होती थी। आज के बच्चो को देख कर अहसास होता है की उनको अपनी सभ्यता के बारे में ना के बराबर पता है। जब हम बच्चे थे तो हमें अपनी सभ्यता से परिचय करवाने वाले ढेरो साधन उपलब्ध थे। जैसे ढेर सारी बच्चो के पत्रिकाएं और कॉमिक्स पर आज ये दोनों ही लगभग गायब है। आज के बच्चो को शेख्सपीयर कालिदास से ज्यादा पता है। रामायण से ज्यादा तो बाइबल के बारे में पता है। हम अपनी सभ्यता को अपने ही हाथो ख़त्म करते जा रहे है। हमें इस बारे में गंभीरता से विचार करने की जरुरत है। पहले हमें सभ्यता की जानकारी पुस्तको से मिल जाती थी पर आज तो उनका भी सहारा ख़त्म हो गया है। मनोज कॉमिक्स के भारतीय सभ्यता के बारे में सबसे ज्यादा कॉमिक्स छापी है। ये कॉमिक्स भी कुछ वैसे ही है। पढ़ने के बाद अजीब सा संतोष होता है। ये कॉमिक्स पहले भी अपलोड की जा चुकी है। जैसा की हम सभी का मानना था की कॉमिक्स जैसी भी कंडीशन में हो उसे अपलोड कर देना चाहिए जिन्होंने ने भी ये कॉमिक्स अपलोड की थी उनके पास स्कैनर नहीं था तो उन्होंने कमरे से फोटो खीच कर अपलोड कर दी थी। जब ये कॉमिक्स मेरे पास आई तो मैंने अब इसे स्कैनर से स्कैन कर के अपलोड करने का मन बनाया और आज ये अपलोड हो रही है।
आज कल जिस तरह से देश में माहौल बनाया जा रहा है उससे तो ये लगता है की हिन्दू होना एक पाप हो गया है और कही आप ने गलती से अपने धर्म के बारे में कुछ कह भी दिया तो आप तो रावण से बड़े पापी हो गए। मै तो सिर्फ एक बात जानता हूँ की मै जन्म से हिन्दू हूँ और मुझे हिन्दू होने पर गर्व है। मै सभी धर्मो का बराबर आदर करता हूँ जिसमे मेरा धर्म भी शामिल है। जिसको मेरे इस बर्ताव से परेशानी है वो मेरा साथ छोड़ सकते है। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में जो हुआ और जो हो रहा है उसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। नाम कन्हिया और काम कंस वाले, कहते है आज़ादी चाहिए (आज़ाद हो कर सुवर तो बन गया है ) मुझे शर्म आती है ये सोच कर की मेरे देश में ऐसे सुवर भी पैदा होते है। और इनका समर्थन करने हमारे या कहे पूरी दुनिया के पप्पू भी आते है और (दूसरे पप्पू ) कहते है की शब्दों से देशद्रोह नहीं होता तो फिर ठीक है आप दोनों सुवर की औलाद हो जिंदगी भर मैला खा कर जीवन बिताया है और आगे भी यही इरादा है,पता नहीं किस सुवर की औलाद हो। गटर में रहने में ही आनंद है। तुम दोनों एक बाप की औलाद हो नहीं सकते। ( इतने शब्द बड़े सयम से लिखे है। वैसे भी जब शब्दों से देश द्रोह नहीं होता तो व्यक्ति द्रोह कैसा ?) पर इस सारे प्रकरण से सारे सुवर एक तरफ हो गए है जिन्हे पहचानना और उन्हें ख़त्म करना आसान हो गया है। इस बार चुनाव आने दो माँ और बेटे में नहीं जीतेंगे।
अभी बहुत गुस्सा है इसलिए लिखना बंद कर रहा हूँ। पर एक बात जरूर लिखना चाहूंगा की अनुपम सिन्हा जी जिनकी मैंने जब से पढ़ना सुरु किया है बहुत इज़्ज़त की है। आज तो मुझे अनुपम जी की तो पूजा करने का मन करता है जिस तरह से उन्होंने देश के बारे में अपने विचार लगातार रखे और आज भी रख रहे है। इस बात से बेपरवाह की कुछ लोग उनसे नाराज़ हो सकते है। और यही विचार मेरे भी खून में दौड़ रहा है जो की आप का ही दिया हुवा है। देश के आगे कुछ नहीं न माँ ,न बाप , गुरु , न बेटा , और न भगवान। मेरे लिए देश ही सबसे ऊपर है।
Thanxs manoj bhai for this.. Wish you and your family a very happy holi..
ReplyDeleteThanks brother
DeleteJai Hind, Jai Bharat, hame Garv hai hamne is dharti pe janam liya hai.
ReplyDeleteThanks brother
Deletebhai http://manojcomicspagalpan.blogspot.in/search/label/SET%20NO.%2099
ReplyDeletepe
MC-635 खुनी ज़ंग (कर्नल कर्ण)
http://www.mediafire.com/download/acg183d8o4u9mcw/ ka link nahi chal raha please help
Link change kar diya hai
Deleteaap download kar sakte hai
I fully support ur views on jnu. Such anti national people should be sent to jail.
ReplyDeleteThanks brother
DeleteI fully support ur views on jnu. Such anti national people should be sent to jail.
ReplyDeleteThanks brother
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