Monday, August 29, 2016

Manoj Comics-725-Ship Ki Tabahi


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मनोज कॉमिक्स-७२५-शिप की तबाही
 मनोज कॉमिक्स में अंसार अख्तर द्धारा लिखा एक और शानदार कथानक। जैसा की हम सभी जानते है की अंसार अख्तर जी जब भी लिखते थे तो उनकी कहानी में आप कभी अंदाज़ा नहीं लगा सकते की आगे क्या होगा। ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है। अंत का अंदाज़ा तो आप लगा ही नहीं सकते है। इतनी सीधी इतनी सरल कहानी होने के बाद भी आप वाह किये बिना रह नहीं पाएंगे। मनोज कॉमिक्स में ५०% कॉमिक्स इन्ही की लिखी जान पड़ती है। इन्होंने कर्नल कर्ण,सागर-सलीम,विनोद-हमीद,अमर-अकबर,क्रूक्बोंड, हवलदार बहादुर,डार्क टेल और बहुत कहानियाँ इन्होंने ने लिखी है।
 कहानी शुरू होती है एक षड़यंत्र से और वो षड़यंत्र है शिप की तबाही का। शिप को तबाह करने के लिए लाखो अमरीकी डॉलर में डील होती है। शिप को तबाह करने लिए शिप के एक कर्मचारी को पैसे दे कर अपनी तरफ मिलाया जाता है। शिप को तबाह करने की शुरुवात में ही बिघ्न पड़ जाता है पर फिर भी कर्मचारी शिप में बॉम लगाने में सफल हो जाता है। इसके बाद क्या होता है ये तो आप को कॉमिक्स पढ़ कर ही पता लग पायेगा।
 क्या शिप तबाह हो गया ?
क्या शिप के साथ बॉम्ब लगाने वाला कर्मचारी भी मारा गया ?
 क्या शिप को तबाह करने वालों को कोई सजा नहीं मिल पाई ?
 ऐसे बहुत से सवाल है जिन्हें आप कॉमिक्स पढ़ की पता लगा सकते है।
 आप इस कॉमिक्स का आनद ले मैं जल्द ही नयी कॉमिक्स के साथ दुबारा मिलता हूँ।

Thursday, August 25, 2016

Manoj Comics-702-Maut Na Bakshegi


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मनोज कॉमिक्स - ७०२-मौत न बख्शेगी
 मनोज कॉमिक्स की कहानियों के लिहाज़ से सबसे दुर्लभ कॉमिक्स है। वैसे तो मनोज कॉमिक्स में जो कुछ भी छापा गया है तो ९०% खरा सोना ही था। आप इनकी दस कॉमिक्स उठाओ तो उसमे ९ कॉमिक्स में आप को चित्रों से कोई शिकायत नहीं होगी और कम से कम ८ से कहानियों से भी कोई शिकायत ना होगी।
मनोज कॉमिक्स एक ऐसा कॉमिक्स पब्लिकेशन हाउस था कि उसने जब तक भी कॉमिक्स प्रिंट की तो पाठकों के दिलों पर राज़ किया। राम-रहीम,हवलदार बहादुर, महाबली शेरा, सागर-सलीम, क्रूकबांड, और इन सब के अलावा इन्होंने जो बिना हीरो के कॉमिक्स छापी वो तो लाजबाब थी।
 ये पब्लिकेशन जब तक रहा नंबर १ रहा और आज भी लगभग हर पुराने कलेक्टर का सपना है कि उसके पास मनोज कॉमिक्स का पूरा कलेक्शन हो। मेरा मनोज कॉमिक्स का कलेक्शन लगभग पूरा हो चूका है। इस कॉमिक्स को पढ़ने के बाद आप भी ये मान जायेंगे कि क्यों ये प्रकाशन हमेशा पहले नंबर पर रहता था।
 इस कहानी के बारे में कुछ लिखने से पहले मैं इस कहानी के लेखक श्री आशीत चटर्जी के बारे में लिखना चाहूँगा। ये श्री विमल चटर्जी जी के भाई थे। विमल चटर्जी जी ने मनोज कॉमिक्स को शिखर पर पहुचाने में बहुत योगदान दिया था। राम -रहीम,क्रूकबांड,महाबली शेरा इनकी ही देन थे।
 विमल चटर्जी के भाई होने के कारण इनको कोई फ़ायदा हुवा की नहीं कह नहीं सकता पर उनका भाई होने के कारण इनसे उम्मीद बहुत रहती थी। इन्होंने शायद ही कभी निराश किया हो। इंस्पेक्टर मनोज की, मकड़ी रानी आदि की काफी कॉमिक्स इन्होंने लिखी है। इन्होंने राम रहीम की भी कुछ कहानियां लिखी है।
 जब मैंने ये कॉमिक्स पढ़ी तो मुझे तो यकीन हो गया कि ऐसी कहानिया लिखना साधारण कार्य बिलकुल नहीं है। काश आज भी इनकी कहानियाँ पढ़ने को मिलती।
 कहानी अगर कभी मौत को लेकर हो तो भय पैदा करती है। सदियों से लोगो ने मौत पर विजय प्राप्त करने का प्रयास किया है। हम सभी जानते है कि मौत से बड़ा सत्य कोई नहीं है। फिर भी लोगो का अमर होने का सपना हमेशा बना रहता है।
इस कहानी में भी मौत से जीतने के प्रयास को कर शुरू होती है। एक बार तो ऐसा लगता है की मौत पर विजय मिल गयी। फिर शुरू हुआ मौत का अनोखा खेल और इस खेल में अगर कोई जीत सकता है तो वो है मौत। कहानी इतनी अच्छी है कि अगर मुझे केवल ५ कॉमिक्स भी अपलोड करनी होती तो भी ये कॉमिक्स उसमे जरूर होती। पढ़े और मुझे जरूर बताएं कि ये कहानी आप को कैसी लगी। फिर जल्द ही मिलते है। .

Sunday, August 21, 2016

Manoj Comics-710-Patthar Ki Murti Aur Sadhu Ka Shrap


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मनोज कॉमिक्स - ७१०-पत्थर की मूर्ति और साधू का श्राप
 ये कॉमिक्स भी मनोज कॉमिक्स में राजा-रानी,साधू ,श्राप आदि को लेकर है। कहानी शुरू से अंत तक बाधे रखने में सफल रहती है। कहानी के लिहाज़ से पढ़ने लायक।
इस तरह की कहानियां मनोज कॉमिक्स में कुल छपी कहानियों का ६०% है जो की किसी दूसरे पब्लिकेशन से ज्यादा है। लोगो को इस तरह की कहानियां खूब भाती थी।
मैंने जब कॉमिक्स पढ़ना शुरू किया था तब हीरो वाली कॉमिक्स का बोलबाला था। इसलिए मेरी इन कहानियों से जानपहचान थोड़ी देर से हुई। उस वक़्त जितनी कॉमिक्स मैंने इस तरह की पढ़ी उन्होंने मुझे निराश ही किया या ये कहे की मेरे ऊपर सुपर हीरो वाला भूत चढ़ा था इसलिए मैंने उन्हें पसंद नहीं किया। फिर जब मनोज कॉमिक्स प्रकाशन बंद हुआ और हम सब ने नेट पर उप्लोडिंग का कार्य शुरू किया तब पता लगा की ये कॉमिक्स तो सुपर हीरो वाली कॉमिक्स से कही ज्यादा अच्छी हुवा करती थी।
मुझे इस तरह की कॉमिक्स में जिस कॉमिक्स ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया वो थी "क्रोध का भूत" जो की मेरे ब्लॉग पर उपलोडेड है। उस कहानी को पढ़ने के बाद तो मैंने इस तरह की कहानियों को खूब पढ़ा। आज भी किसी भी प्रकाशन की मिल जाये मैं पढ़ ही लेता हूँ। फिर जो दूसरी कॉमिक्स जिसने मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित किया वो है "मौत न बख्शेगी" जो की इस ब्लॉग पर २५ को पढ़ने के लिए उपलब्ध होगी।
 तब तक आप इस कहानी का आनंद ले फिर जल्द ही मिलते है।

Monday, August 15, 2016

Manoj Comics-698-Sunhari Teer


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मनोज कॉमिक्स-६९८ -सुनहरी तीर
 ये कॉमिक्स भी मनोज कॉमिक्स में बिना हीरो वाली कॉमिक्स में से एक है। कहानी अंसार अख्तर जी द्वारा लिखी गयी है। कहानी लाजबाब है जितनी बार इससे पढ़ेंगे उतनी बार इस कहानी की तारीफ करेंगे।
 कहानी सुरु होती है शेठ सुंदर लाल को मिले एक पार्शल से। जिसके साथ सुनहरी तीर और एक पत्र प्राप्त होता है जिसके अनुसार ऐसे ही चार और पत्र व सुनहरा तीर उन सब को भी भेजा है और सब से बाकि के सुनहरे तीर इकठ्ठा करने को कहा गया है जैसे भी संभव हो। और जो ऐसा नहीं करता उससे मिलेगी मौत। फिर तीर के साथ छेड़खानी करने पर वो एक तरफ से खुल जाता है और उसमे मिलता है एक नक्से का टुकड़ा मतलब बाकि के टुकड़े और लोगो के तीर में होने।
 ये नक्सा क्या है / खजाने का नक्सा ? या कोई और चक्कर। इस चक्कर के चक्कर में क्या-क्या होता है।
 ये तो आप को कॉमिक्स पढ़ कर ही पता लगेगा।
 पिछले दोनों पोस्ट में मैंने कॉमिक्स को लेकर होनी वाली परेशानी के बारे में कहा था। यदि आप सब में से कोई मेरी मदद कर पाए तो बहुत अच्छा होगा। वैसे मैं इसकी उम्मीद कम ही करता हूँ। जब आप लोग कॉमिक्स डाउनलोड करने के बाद धन्यवाद तो करते नहीं जो की मेरी कॉमिक्स अपलोडिंग में की गयी मेहनत का ०.०१% भी नहीं है तो किसी और बात की उम्मीद करना बेमानी ही होगा। पर फिर भी मैं आप सब से ये इसलिए कह रहा हूँ। कि जिससे कोई ये न कहे की मुझसे कहा होता।
 वैसे भी जैसे १०० % लोग ईमानदार नहीं हो सकते वैसे ही १००% लोग बेईमान नहीं हो सकते। तो हो सकता है मुझे आप में से किसी से कोई मदद मिल ही जाये।

Manoj Comics-696-Qatilon Ki Mandi


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मनोज कॉमिक्स-६९६ -क़ातिलों की मंडी
 ये कॉमिक्स भी मनोज कॉमिक्स में बिना हीरो वाली कॉमिक्स में से एक है। कहानी अंसार अख्तर जी द्वारा लिखी गयी है। अपराध जगत का इतना खूबसूरत चित्रण की मन से सिर्फ वाह ही निकलती है। कहानी लिखने का ये अंदाज़ मुझे उनका दीवाना बना देता है। कहानी है एक सुपारी लेने वाले सबसे महंगे अपराधी की। वो अपने काम से बहुत खुश है। एक बार क़त्ल करना और फिर तीन-चार महीने मौज करना। अच्छे पैसे मिल जाते थे। फिर उसे मिलती है एक शेठ के क़त्ल की सुपारी, जिसे पूरा करने उसे दूसरे शहर जाना पड़ता है। वहां उसके साथ क्या-क्या होता है ये तो आप को कॉमिक्स पढ़ कर ही पता लगेगा। बस इतना कह सकता हूँ की अगर आप ने पहले इस कॉमिक्स को नहीं पढ़ा है तो आप कहानी के अंत से भौच्चके रह जायेंगे।
 पढ़िए और इस कहानी का आनंद लीजिये।
 पिछले पोस्ट में मैंने अपने कॉमिक्स कलेक्शन को लेकर चिंता व्यक्त की थी। कुछ लोगों के व्यवहार को लेकर गुस्सा भी था और सच कहूँ तो अभी भी है। अब क्या मुझे ये साबित करना पड़ेगा की मैं कलेक्टर हूँ दूकानदार नहीं। वो लोग जिनका खुद का कोई ईमान नहीं है वो मुझ पर ऊँगली कैसे उठा सकते है। मुझे हर तरह से ब्लैकमेल किया जाता है। हमेशा लोट सेल के चक्कर में डाला जाता है अगर मुझे एक कॉमिक्स चाहिए। तो या तो अकेले दिया नहीं जाता या तो इतने पैसे मांगे जाते है की मैं चाह कर भी उसे ले नहीं पाता। मैंने तो अब सारी उम्मीद छोड़ रखी है। अगर कॉमिक्स डाउनलोड करने वाले मेरी मदद नहीं करते तो जो है मैं उसे अपलोड कर दूंगा। बाकी मेरी किस्मत। ये मेरी आने वाले सेटों की पेंडिंग लिस्ट है। है तो और भी ये वो है जिनके बारे में मुझे याद है।
 MC-705 हवलदार बहादुर हवलदार बहादुर और नेपाली ठग
 MC-723 क्रुक बोंड क्रुक बोंड और अंधेरे का बादशाह {DIGEST 889+723}
MC-838 सागर - सलीम चुडैल बिल्ली
 MC-973 भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र, जादू-टोना सरसराती मौत
 MC-1025 तूफ़ान तूफ़ान देगा मौत
 MC-1031 महाबली शेरा देवता का ताज
 MC-1044 विध्वंस सुपर पॉवर
 MC-1047 भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र, जादू-टोना कहर की रात
MC-1163 राम - रहीम वुल्फराज
 MC-1168 भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र, जादू-टोना सौ साल बाद
 MC 1234 डार्क टेल्स जंगली बाबा

Manoj Comics-693-Maut Ka Waris


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मनोज कॉमिक्स-६९३-मौत का वारिस
 मनोज कॉमिक्स में बिना हीरो वाली का चलन सबसे ज्यादा था और सच कहूँ इनमे जो भी कहानियां लिखी गयी तो लाजबाब थी। ये कहानी भी विजय कुमार वत्स जी द्वारा लिखी गयी है। कहानी इतनी ज्यादा है की अगर आप के दौर में लिखी जाती तो काम से काम ३ विशेषांक बनायीं जाती जबकि ये सिर्फ एक कॉमिक्स में ख़त्म की गयी है। कहानी के लिहाज़ से कहानी में कोई कमी नहीं है। उम्मीद करता हूँ की आप सब को ये कॉमिक्स पसंद आएगी।
 आज कुछ मन खिन्न है कॉमिक्स और कॉमिक्स के अपलोडिंग को ले कर। हर कोई आप से तो खूब उम्मीद करता है पर जब उसकी बारी आती है तो कुछ भी करना नहीं चाहता। आज के समय मेरा मनोज कॉमिक्स का कलेक्शन लगभग पूरा है। कुछ कॉमिक्स जो मेरे कलेक्शन में नहीं है उनके लिए मुझे जो पैसे खर्च करने पड़ रहे है वो मेरी औकात से बहुत ज्यादा है पर सभी कॉमिक्स को अपलोड करने के मोह के कारण मुझे ये पैसे खर्च करने पड़ रहे है। इनमे से कुछ कॉमिक्स तो ऐसी भी है जिसके लिए मैंने ३०० तक दिए है। जो की मेरे लिए बहुत ज्यादा है और किसी से कोई उम्मीद की नहीं जा सकती है। हम अपलोडरस की सबसे बड़ी परेशानी यही है की जब हमारे पास कॉमिक्स होती है तो सभी को जल्दी रहती है। जल्दी स्कैन कर दीजिये, सभी पेजेज कर दीजिये,३०० डी पी आई पर स्कैन कीजिये,बिना लोगो के अपलोड कीजिये और ना जाने क्या-क्या। भाई हमारा भी परिवार है हम भी काम करते है। हमारे भी माँ-बाप बीबी-बच्चे है। फिर भी बिना किसी स्वार्थ के अगर मैं अपनी बात करूँ तो २०१० से कॉमिक्स अपलोड कर रहा हूँ। पर अगर गलती से आप के जरुरत की कोई कॉमिक्स किसी के पास मिल जाये तो वो हमारे सारे प्रयास भूल जाता है वो सिर्फ ये बात करता है। एक के बदले कितनी कॉमिक्स देंगे, आप २०० दे दो फला को ३०० दे रहा है और न जाने क्या -क्या। भाई मैं कोई करोड़पति नहीं हूँ। ये कॉमिक्स कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद इकठ्ठी की है।
 इस मनोज कॉमिक्स को पूरी तरह अपलोड करना सिर्फ मेरी जिम्मेदारी नहीं है हम सब की है। वरना ये सपना, सपना ही रह जायेगा। मेरे पास इतने पैसे नहीं है।

Wednesday, August 10, 2016

Manoj Comics-685-Ek Crore Dollar Ka Shanyantra


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मनोज कॉमिक्स-६८५ मनोज कॉमिक्स में तीन जासूस के नाम से कुछ कॉमिक्स छापी गयी थी। मेरा अंदाज़ा ६ कॉमिक्स छापे जाने से है हो सकता है कुछ कम कुछ ज्यादा हो। मेरा सुरु से उन कॉमिक्स के प्रति लगाव कम रहा है जो की कार्टून लगते हों जो की इसके साथ भी है वैसे कॉमिक्स की कहानियां बहुत ही अच्छी होती थी। जो की इस कॉमिक्स में भी है। ये कॉमिक्स किसी भी जासूसी कॉमिक्स की कहानी से बेहतर है। आप पढ़ेंगे तो लगेगा की वाह क्या कहानी थी। कहानी के लिहाज़ से ये कॉमिक्स बहुत अच्छी है। पढ़ने लायक। मेरे नेट कनेक्शन की प्रॉब्लम तो ख़तम होने का नाम ही नहीं ले रही है। रिलाइंस नेट कनेक्ट चलाता था उन्होंने भी ४ g के नाम से अभी बंद कर रखा है। बीएसएनएल के खिलाफ मैंने श्री रवि शंकर प्रसाद जी को मेल किया था पर वो भी कुछ नहीं कर पाए। अब तो उनका मंत्रालय बदल गया है। ये सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे है। १०० मीटर की केबल नहीं है बीएसएनएल के पास मेरा कनेक्शन लगाने के लिए। आप इस कॉमिक्स का आनंद ले फिर जल्द ही मिलते है

Friday, August 5, 2016

Manoj Comics-684-Maut Ka Pujari


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मनोज कॉमिक्स-६८४-मौत का पुजारी
 मनोज कॉमिक्स में जब भी राजा - रानी की कहानियां लिखी गयी वो लाजबाब थी ये कहानी भी कुछ वैसे ही है। जब ये कॉमिक्स प्रकाशित हुयी थी तो वो कॉमिक्स का स्वर्ण युग था। उस समय राम -रहीम, क्रूक्बोंड , हवलदार बहादुर , नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव अपने सबसे अच्छे दौर में थे। इस कारण ये कॉमिक्स मुझे बहुत देर से पढ़ने को मिली और ये कही नेट पर अपलोड भी नहीं है। जब मैंने सेट वाइज कॉमिक्स अपलोड करना सुरु किया तो ये कॉमिक्स न मेरे कलेक्शन में थी और न ही ये नेट पर ही उपलोडेड थी। पर फिर कही जा कर जल्दी ही ये कॉमिक्स मुझे मिल पायी। यही हाल मनोज कॉमिक्स -६८५ - एक लाख डॉलर के षणयंत्र का भी था जो की मेरे अनुसार मेरे कलेक्शन में नहीं थी। विक्रम चौहान जी द्वारा जो कॉमिक्स एक्सचेंज में मंगवाई उसका पहला पेज नहीं था। पर एक दिन अपना कलेक्शन चेक करते समय ये कॉमिक्स बिना कवर पूरी मिल गयी। तो मैंने उसे अपलोड कर रहा हूँ बिना कवर के। वैसे तो इसका कवर मेरे पास है पर अब दुबारा से कवर ऐड करके अपलोड करने की हिम्मत नहीं है।
 नेट आज तक ठीक नहीं हुवा है. मोबाइल से अपलोड कर रहा हूँ।
 पढ़े और इसका आनंद ले। फिर जल्द ही दूसरी कॉमिक्स के साथ दुबारा मिलते है।