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"टमटम नंबर ०७"
जब ये पत्रिका मैंने पहली बार देखी थी तो मेरे दिमाग में पहला सवाल ये आया था की ये कब छपी, मैंने उससे पहले इसका नाम भी नहीं सुना था देखने के बात बहुत दूर की है, और अगर ऐसी कोई पत्रिका मेरे संग्रह में न हो तो उसे लेने की प्रबल इच्छा मेरे दिल में उत्पन्न हो जाती है, और ठीक वैसा ही हुवा. पर इसका दाम सुना तो मेरी समझ में नहीं आया की क्या करूँ. अरुण भाई कुछ दिन पहले नूतन चित्रकथा की ३ कॉमिक्स (विजेता भूतनाथ,सोने का पहाड़,देश के दुश्मन सभी भूतनाथ ) और एक कॉमिक्स अजय चित्रकथा और एक आन्नद चित्रकथा, ये सभी कॉमिक्स मेरे पास नहीं थी और अरुण के अनुसार जो आदमी इन्हें बेच रहा था, वो इनके ५०० रूपये मांग रहा था, कॉमिक्स ऐसी थी जिन्हें छोड़ने का मेरा मन तो बिलकुल भी नहीं था, पर इतना महंगा लेना भी मुझे समझदारी नहीं लग रही थी, इसलिए मैंने इन्हें लेने से मना कर दिया, और अरुण भाई से विशेष प्राथना की, वो जितना संभव हो इसका दाम कम करवाने की कोशिश करें, उन्होंने बहुत अथक मेहनत के बाद ३ मिनी डायमंड और एक टमटम बढवाने में सफल हो गए और साथ ही साथ १०० रुपये भी कम करवा दिए, यानि कुल मिला कर ९ कॉमिक्स जिनमे से ३ मिनी कॉमिक्स ४०० रुपए में मिल रही थी और तब जा कर मैंने इन कॉमिक्स को खरीद लिया. इन सब को स्कैन करने का मन है मेरा, चार कॉमिक्स तो मै कर भी चूका हूँ एक रह गयी है अगर आज टाइम मिला तो उसे भी स्कैन कर दूंगा.
अब बात इस टमटम की कर ली जाये तो ये एक बेहतर पत्रिका है और इसकी कहानियां और पत्रिकावों से बेहतर ही जान पड़ती है साथ ही साथ दुनियां के सिनेमा के बारे दी गयी जानकारी भी बहुत ही बेहतर है. आप सब इस बेहतर पत्रिका का आनंद ले,जल्दी ही दुबारा मिलते है .....
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"टमटम नंबर ०७"
जब ये पत्रिका मैंने पहली बार देखी थी तो मेरे दिमाग में पहला सवाल ये आया था की ये कब छपी, मैंने उससे पहले इसका नाम भी नहीं सुना था देखने के बात बहुत दूर की है, और अगर ऐसी कोई पत्रिका मेरे संग्रह में न हो तो उसे लेने की प्रबल इच्छा मेरे दिल में उत्पन्न हो जाती है, और ठीक वैसा ही हुवा. पर इसका दाम सुना तो मेरी समझ में नहीं आया की क्या करूँ. अरुण भाई कुछ दिन पहले नूतन चित्रकथा की ३ कॉमिक्स (विजेता भूतनाथ,सोने का पहाड़,देश के दुश्मन सभी भूतनाथ ) और एक कॉमिक्स अजय चित्रकथा और एक आन्नद चित्रकथा, ये सभी कॉमिक्स मेरे पास नहीं थी और अरुण के अनुसार जो आदमी इन्हें बेच रहा था, वो इनके ५०० रूपये मांग रहा था, कॉमिक्स ऐसी थी जिन्हें छोड़ने का मेरा मन तो बिलकुल भी नहीं था, पर इतना महंगा लेना भी मुझे समझदारी नहीं लग रही थी, इसलिए मैंने इन्हें लेने से मना कर दिया, और अरुण भाई से विशेष प्राथना की, वो जितना संभव हो इसका दाम कम करवाने की कोशिश करें, उन्होंने बहुत अथक मेहनत के बाद ३ मिनी डायमंड और एक टमटम बढवाने में सफल हो गए और साथ ही साथ १०० रुपये भी कम करवा दिए, यानि कुल मिला कर ९ कॉमिक्स जिनमे से ३ मिनी कॉमिक्स ४०० रुपए में मिल रही थी और तब जा कर मैंने इन कॉमिक्स को खरीद लिया. इन सब को स्कैन करने का मन है मेरा, चार कॉमिक्स तो मै कर भी चूका हूँ एक रह गयी है अगर आज टाइम मिला तो उसे भी स्कैन कर दूंगा.
अब बात इस टमटम की कर ली जाये तो ये एक बेहतर पत्रिका है और इसकी कहानियां और पत्रिकावों से बेहतर ही जान पड़ती है साथ ही साथ दुनियां के सिनेमा के बारे दी गयी जानकारी भी बहुत ही बेहतर है. आप सब इस बेहतर पत्रिका का आनंद ले,जल्दी ही दुबारा मिलते है .....
Thanks a lot Manoj bro for one more rare upload
ReplyDeleteWelcome Brother
Deletebrother ji aapka professonal work kya hai?
ReplyDeleteI am a Teacher
Deletesuperb work again manoj ji
ReplyDeletemain to waise aap ki moochon ka kayal hoon :)
bhagwan aap ko achha jeevan de
aap ka
Aditya
Thanks brother
Deletethanks for ur support