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कॉमिक्स आनंद -05-सनसनीखेज चोरी
कॉमिक्स आनंद,ये उन पब्लिकेशन में से एक है जिन्होंने हिंदी कॉमिक्स के सुनहरे दौर में कॉमिक्स छापी थी पर ये उन पब्लिकेशन में से एक है जिन्होंने 50 से कम कॉमिक्स कॉमिक्स छापी है।अगर मै इनके बारे में और बात करूँ तो जो मुझे महसूस हुआ है वो ये है की कॉमिक्स की छपाई और चित्र तो बेहतर है पर कहानी को लेकर मुझे लगता है की वो एक कमी है।और इनका प्रचार और प्रसार पर भी ज्यदा ध्यान नहीं दिया गया था वरना ये इतनी कम छपने लायक तो बिलकुल नहीं था। मुझे जो एक बात लगती है की ये पब्लिकेशन, कॉमिक्स को लेकर बहुत ज्यदा सजग नहीं था और मनोज कॉमिक्स और राज कॉमिक्स जैसे बाज़ार का ज्ञान भी नहीं था।
अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये तो ये कॉमिक्स कहानी के लिहाज़ से बेहतर है पर ऐसा लगता है की कहानी का मसाला कम है जिसके कारण एक- एक पन्ने में दो या तीन फ्रेम के चित्र ही है। फिर भी कहानी अच्छी है और कुछ नया सा आभास देती है, और इसे पढने लायक बनती है। आप सब इस बेहतर कहानी का आनंद ले फिर मिलते है ......
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कॉमिक्स आनंद -05-सनसनीखेज चोरी
कॉमिक्स आनंद,ये उन पब्लिकेशन में से एक है जिन्होंने हिंदी कॉमिक्स के सुनहरे दौर में कॉमिक्स छापी थी पर ये उन पब्लिकेशन में से एक है जिन्होंने 50 से कम कॉमिक्स कॉमिक्स छापी है।अगर मै इनके बारे में और बात करूँ तो जो मुझे महसूस हुआ है वो ये है की कॉमिक्स की छपाई और चित्र तो बेहतर है पर कहानी को लेकर मुझे लगता है की वो एक कमी है।और इनका प्रचार और प्रसार पर भी ज्यदा ध्यान नहीं दिया गया था वरना ये इतनी कम छपने लायक तो बिलकुल नहीं था। मुझे जो एक बात लगती है की ये पब्लिकेशन, कॉमिक्स को लेकर बहुत ज्यदा सजग नहीं था और मनोज कॉमिक्स और राज कॉमिक्स जैसे बाज़ार का ज्ञान भी नहीं था।
अब बात इस कॉमिक्स की कर ली जाये तो ये कॉमिक्स कहानी के लिहाज़ से बेहतर है पर ऐसा लगता है की कहानी का मसाला कम है जिसके कारण एक- एक पन्ने में दो या तीन फ्रेम के चित्र ही है। फिर भी कहानी अच्छी है और कुछ नया सा आभास देती है, और इसे पढने लायक बनती है। आप सब इस बेहतर कहानी का आनंद ले फिर मिलते है ......
Thanks, Manoj Bhai
ReplyDeleteWelcome Brother
Deletethanks a lot hum jase aalsiyoon k lye itni mehnat karne k liye mai alld me hoon koi stress allow naahi hai jaise hi possble hota hai i will come to lko and meet u and plz upload few more tinkles koi kuch bhi kaahe u r a good guy
ReplyDeleteBhai aap alsi bilkul bhi nahi ho
Deletejab aap ko jab time milega aap mujhse milne aaj jawoge
baki mai tinkle par jald hi kaam suru karunga
par usse pahle chocolate par kam karne ka man hai.
Thanx a lot Manoj Bhaiya
ReplyDeleteWelcome Brother
DeleteManoj bhai plz ye comics upload kijye
ReplyDelete.........
Nutan - Bhootnath aur Bhoodi Lash
Nutan 029 - Bhootnaath Aur Insaaf Ho Gaya
Nutan- Bhootnath aur Aatank
plzzzzzzz thnx in advnce.
Ok brother i will try to fulfill your requirement
DeleteThanks a lot Manoj Bro.
ReplyDeleteWelcome Brother
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