Thursday, December 11, 2025
Saturday, December 6, 2025
Sunday, November 30, 2025
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Monday, October 20, 2025
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Saturday, October 11, 2025
Thursday, October 2, 2025
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Saturday, August 23, 2025
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Sunday, August 10, 2025
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Saturday, July 19, 2025
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Saturday, July 5, 2025
Friday, June 27, 2025
BPB-MAUT KI KHIDKIYAN
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बाल पॉकेट बुक्स
मौत की खिड़कियाँ (कैप्टन गुप्ता)
ये बाल उपन्यास अलका पॉकेट बुक से प्रकाशित हुआ था और अगर सच कहूं तो ये मेरी जानकारी में इस पब्लिकेशन का पहला उपन्यास है न ही इसका कोई बाल उपन्यास देखा था और न ही कोई और उपन्यास। पर इस को पढ़कर तो इतना जुरूर कहा जा सकता है कि कम से कम ६० बाल पॉकेट बुक्स तो जरूर छपी होंगी। ये लखनऊ से छपने वाला मेरे जानकारी में आया दूसरा पब्लिकेशन है। ज्यादातर पब्लिकेशन दिल्ली और मेरठ के ही हुआ करते थे पर लखनऊ से भी कुछ पब्लिकेशन थे ये जानकर अच्छा लगता है । वो समय भी इतना सुनहरा रहा होगा उपन्यास और कॉमिक्स के लिए कि हर कोई कॉमिक्स या फिर उपन्यास छापने को तैयार था और आज है कि जिनको उपन्यास और कॉमिक्स ने आदमी बना दिया वो भी इन्हे छोड़ चुके है और भी छोड़ने कि कगार पर है । कारण पाठकों की कमी ही है और उससे भी ज्यादा समय के साथ इन प्रकशकों का न बदलना था। पहले पैसे के लालच में अंधाधुंध विदेशी कॉमिक्स की कॉपी करना न अपनी कोई कहानी न ही अपना कोई चरित्र ज्यादातर तो सीधा विदेशी कॉमिक्स को लिख दिया। सब को कहना तो ठीक नहीं था फिर भी अगर देखा जाये तो जो सबसे ज्यादा ओरिजिनल लग सकते थे वो डायमंड कॉमिक्स के चरित्र थे खासकर प्राण के चरित्र "चाचा चौधरी", "बिल्लू", "पिंकी" आदि
मनोज कॉमिक्स में १९९२ तक जो भी छापा ज्यादातर ओरिजिनल ही था कुछ अपवाद है जैसे महाबली शेरा
(टार्जन ) कलाप्रेत (बैटमैन ) क्रूक्बोंड़ (टिनटिन) लेकिन इसके बाद भी इन सब चरित्रों की कहानी बिलकुल ओरिजिनल थी कहीं कुछ भी मिलता जुलता मुझे तो नहीं मिला फिर इन्होने जो राजा रानी की कहानियां लिखी वो बहुत ही शानदार थी कुछ चरित्र और भी थे जैसे राम रहीम , शेरबाज , शेरदिल, अँगूठेलाल, जो कम से कम विदेशी कॉमिक्स की कॉपी तो नहीं थे हाँ जोड़े के रूप में जासूस दिखाना पुराना जरूर है। लेकिन १९९२ के बाद तो उन्होंने भी विदेशी कॉमिक्स यहाँ तक विदेशी फिल्म तक पर कॉमिक्स लिख डाली लेकिन उससे पहले मनोज कॉमिक्स में सब कुछ ठीक ही था। कम से कम कहानी तो देशी होती थी। उसके बाद तो तूफ़ान (कप्तान अमेरिका) इन्द्र (रोबोकोप ) और भी बहुत कुछ साथ में कहानी में भी कॉपी होने लगी।
राज कॉमिक्स का शुरू से ही विदेशी प्रभाव था नागराज (स्पिडरमैन) शुरू की चार पांच कॉमिक में बस सांप और रस्सी का ही अंतर था जैसे मकड़ी काटने से स्पिडरमैन रस्सी इस्तेमाल कर रहा था वैसे ही नागराज सांप का जहर और सांप की खाल की राख के कारण सांप की रस्सी इस्तेमाल कर रहा थ। सुपर कमांडो ध्रुव (रोबिन ) परमाणु (एटम ) विनाशदूत (सुपरमैन ) भोकाल (ही मैन ) डोगा (पानिशर) पर कहानी देशी
अश्वराज का आईडिया ठीक था पर इच्छाधरी वाला कांसेप्ट बहुत सड़ा हुआ है । हर जगह दिख जाता है गोजो ओरिजिनल लगा मुझे फिर योद्धा
(थॉर ) पर कहानी अलग थी वही हाल नागराज में भी था और भोकाल में भी कि कहानी अपनी और चरित्र विदेशी पर यहाँ तक सब ठीक ही था। अब इसके बाद कहानी भी विदेशी उठायी जाने लगी और इंटरनेट और टीवी केबल के उदय ने सब कुछ सामने राख दिया। हीमैन और स्पिडरमैन ,सुपरमैन, बैटमैन कि कार्टून मूवीज हिंदी में आने लगी तो असली को देखने के बाद कॉपी कौन देखे और फिर राज कॉमिक्स के पास तो डोगा पर मूवी बनाने का अच्छा मौका था पर उन्होंने गवा दिया। अब सब बंद हो रहा है मेरा एक अंदाज़ा है राज कॉमिक्स दो साल से ज्यादा अब प्रिंटिंग नहीं कर पायेगी।
मनोज कॉमिक्स तो सिर्फ रिप्रिंट ही करेंगे जब तक उन्हें फ़ायदा होगा। तो मुझे लगता है कि कॉमिक्स तो दो साल में बिल्कुल ख़त्म और नावेल हिंदी में जिन्हे हम जानते है उनमे से वेद प्रकाश शर्मा जी अब नहीं रहे और सुरेंद्र मोहन पाठक जी भी कभी उम्र के हो गए है इन्ही दोनों के नावेल खूब पढ़े जाते थे तो अब पाठक जी जब तक है तब तक तो उनके नावेल कम से कम २०००० तो बिकेंगे ही बाकि अब ये कहानियों कि दुनियां ख़तम ही है।
अब इस बाल उपन्यास की बात करूँ तो कहानी बहुत बाँध कर रखती है और कभी भी आपको निराश नहीं करेगी।
Friday, June 20, 2025
Tuesday, June 10, 2025
Royal Pocket Book- Bhayank Pratishodh (S.C Bedi)
Download Download Word Document और बाल पॉकेट बुक्स के लिए आप यहाँ जा सकते है बाल पॉकेट बुक्स भयानक प्रतिशोध
ये नावेल यस सी बेदी जी द्वारा रचित नहीं है। वैसे तो अपने समय में वो इतने प्रशिद्ध थे की उनके नावेल की जम कर नक़ल होती थी वो जिस पब्लिकेशन को छोड़ देते थे वो प्रकाशक किसी और से राजन इक़बाल लिखवा लेता था।
कुछ तो बाकायदा उनका पुराना फोटो और नाम दोनों ही छाप देते थे पर इसमें कम से कम ये नहीं किया गया है लेखक की नाम की जगह सिर्फ राजन इक़बाल सीरीज लिखा हुवा है।
ये नावेल मेरे पास बहुत पहले से था पर इस बार एक एक्सपेरिमेंट के तहत इसे स्कैन या सच कहूं तो मोबाइल से फोटो खींच कर अपलोड करने की सोचा। नावेल कॉमिक्स की तरह चित्रों से भरे नहीं होते तो उनको ३०० dpi या ६०० dpi पर स्कैन करने की जरुरत नहीं होती उन्हें कभी अगर प्रिंट लेने की जरुरत पड़े तो अच्छी स्कैन जरुरी होता है पर नावेल के केस में सिर्फ पढ़ने से मतलब है यही सोच कर इसकी फोटो तो खींच ली पर जब उन्हें रीड किया तो कोई विशेष समस्या तो नहीं हुयी पर फिर दिमाग ने एक और आईडिया दिया की क्यों न इसे वर्ड फाइल में कन्वर्ट किया जाये जिससे ये नावेल बिलकुल साफ़ साफ़ लिखा रहेगा। तो गूगल ड्राइव और गूगल डॉक्यूमेंट की मदद से मैंने काम सुरु किय।
गूगल डॉक्यूमेंट काम तो अच्छा कर रहा था पर कही कही कुछ गलतियां भी थी मतलब ८०% तक तो ठीक था पर २०% में करेक्शन की जरुरत थी पर ये नावेल ८० पन्ने का था तो टाइम तो लगना ही था तो लगभग ७ दिन की मेहनत के बाद अब वो डॉक्यूमेंट तैयार है मै आपको रीड करने को दूंगा उम्मीद है की आप सब को पसंद आएगा
वर्ल्ड डॉक्यूमेंट के लिए मेरी परमिशन की जरुरत होगी पर दूसरी फाइल के लिए कुछ नहीं
कहानी के हिसाब से देखे तो आप बधे महसूस करेंगे , कहानी के सुरु में ही रिटायर चीफ जस्टिस को पत्र मिलता है उनकी इकलोती बेटी को मारने का फिर क्या था इस्पेक्टर बलबीर कर्नल विनोद और राजन इक़बाल सब के सब उन्हें बचाने में लग जाते है पर फिर भी कोई कुछ नहीं कर पता। आगे फिर हत्यारे को पकड़ने का खेल सुरु होता है।
पढ़ने लायक नावेल है जरूर पढ़े
Thursday, June 5, 2025
Bal Pocket Books-Kaali Parchayi (S C Bedi)
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बाल पॉकेट बुक्स
बाल पॉकेट बुक्स- काली परछाई
मुझे बिलकुल भी याद नहीं था कि इसका पहला भाग लाशों कि झील मै पहले भी अपलोड कर चूका हूँ इसी कारण मैंने इसे दुबारा स्कैन करके १ जून को फिर अपलोड कर दिय।
काली परछाई जिसके चार पन्ने ८,९,१०,११,१२ नहीं है जिसके लिए मुझे बेहद खेद है। वैसे तो इन पन्नो के न होने से कहानी पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि इन नावेल कि कहानी पेज ५ से सुरु होती है तो उसके पहले पार्ट का विवरण ही इन पन्नो पर होगा इसलिए ज्याद तो अंतर नहीं पड़ना चाहिए। वैसे मैंने गौरव भाई से कह रखा है उनके पास ये नावेल है जब भी उन्हें समय मिलेगा वो इनके ये पन्ने मुझे दे देंगे और मै इसे फिर से अपलोड कर दूंगा।
बाकि आप सब इस नावेल का आनंद लें मै जल्द ही दूसरे अपलोड के साथ फिर मिलता हूँ ,
Sunday, June 1, 2025
Saturday, May 31, 2025
Bal Pocket Books- Lason Ki jheel (S C Bedi)
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बाल पॉकेट बुक्स
बाल पॉकेट बुक्स - लाशों की झील (यस सी बेदी )
अभी स्कूल ही छुट्टियां चल रही है और मेरा कही जाने का मन भी नहीं तो फिर कॉमिक्स के एक बॉक्स को खोला तो पाया की उसमे कई राजन इक़बाल के बाल उपन्यास है तो उन्हें व्यवस्थित करने लगा तो पता चला इनके भी नंबर होते थे सभी में तो नहीं पर राजा पॉकेट बुक्स और तुलसी पॉकेट बुकस में तो उनके नंबर तो थे। फिर उनमे से कुछ में दीमक भी लगने सुरु हो गए थे तो उन्हें अलग किया और पहले उन्हें स्कैन करने का मन बनाया क्योंकि ये ख़राब हो रहे थे
फिर जब नावेल पढ़ा तो पता चला ये अधूरा है तो उसका दूसरा पार्ट देखा तो मेरे पास ही मिल गया तो दोनों ही स्कैन कर डाले फिर एक और समस्या हो गय। दूसरे पार्ट के बीच के चार पेज नहीं है पर उम्मीद करता हूँ अगर किसी के पास हो तो उसके चार पेज मुझे दे दें।
पहला नावेल आज अपलोड हो रहा है दूसरा सोमवार तक अपलोड हो जाना चाहिए
डाउनलोड करके पढ़ें उम्मीद है आपको निराशा बिलकुल नहीं होगी
Monday, May 26, 2025
BPB- Podina Pahalwaan (K P Saksena )
बाल पॉकेट बुक्स- पोदीना पहलवान
बहुत दिनों बाद मैं कोई बुक स्कैन और अपलोड कर रहा हूँ . कारण कई है पर शायद अब वो मन नहीं रहा कॉमिक्स अपलोड करने का. इच्क्षा ख़त्म हो गयी है. जिंदगी में सब कुछ इतने तेज़ी से घट रहा है कि हिम्मत भी नहीं हो पा रही है .
वो तो भला हो राहुल दुबे जी का कि ये ब्लॉग लगातार अपडेट दे रहा है अगर ये मेरे भरोषे होता तो एक साल बाद कोई अपडेट आता . राहुल भाई आपको दिल से धन्यवाद.
सच तो ये है कि अब वो पहले जैसे कॉमिक्स को ले कर उत्शाह नहीं रहा. अपलोड करो लोग आते है डाउनलोड करके चले जाते है कोइ एक कमेंट तक करने कि नहीं सोचता. मजेदार बात है लोगो को लगता होगा कि इस ब्लॉग से मैं खूब पैसे कमाता हूँगा पर सच सिर्फ इतना है दिसंबर २०१० से ये ब्लॉग चल रहा है और आज तक मुझे इससे एक पैसा नहीं मिला है. पैसे तभी मिलेंगे जब १०० डॉलर होगा और अभी तक मैं १०० डॉलर तक नहीं पंहुचा हूँ.
ऐड पर क्लिक करने पर कुछ पॉइंट्स में पैसे बनते है पर लोग सिर्फ डाउनलोड पर क्लिक करते है ऐड पर नहीं ९८ डॉलर पिछले ४ सालों से है और पता नहीं कितने साल ये और रहेगा.
पर मेरा ये सफर तो कॉमिक्स और बाल पॉकेट बुक्स तो डिजिटल में बदलने से हुवा था पर इस पर जो सबसे बड़ा ब्रेक लगा वो मनीष गुप्ता जी के कारण लगा. मनोज कॉमिक्स पूरी अपलोड करने वाला था मैं पर डिजिटल राइट के नाम पर जो नंगा नाच नाचा इन्होने उसने मेरी हिम्मत ही तोड़ थी. मेरे सारे ऑनलाइन डाटा ख़राब हो गया मेरे अपने ही लोग जो मेरी कॉमिक्स डाउनलोड करके पढ़ रहे तो उन्होंने भी मुझे पता नहीं क्या क्या कहा. लोगो ने यहाँ तक कहा कि जल्दी जल्दी स्कैन करके मैं अपनी कॉमिक्स बेचना चाहता हूँ . इन सब बातों ने दिल तोड़ दिया . अब लगता है किसके लिए स्कैन करूँ ???
फिर भी जितना हो पायेगा बाकी मेरी कॉमिक्स भी डिजिटल में बदल जाये चाहे वो मैं कही अपलोड करूँ चाहे न करूँ .
इस बाल पॉकेट की बात करूँ तो ये लखनऊ में एक प्रकाशन सुरु हुवा था और ४ नावेल एक साथ निकले थे उसके बाद ही ये बंद हो गया वो चारों मेरे पास है उसमे से ये नावेल के पी सक्सेना जी ने लिखा है वो अपने समय के जाने मने हास्य कवी और लेखक थे . पढ़ने पर आपको पुराने समय और साफ़ सुथरी हास्य कहानी के द्वारा भी कैसे हसाया जा सकता है इसका पता चलेगा
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बाल पॉकेट बुक्स
Sunday, May 18, 2025
Sunday, May 4, 2025
Sunday, April 27, 2025
Sunday, April 13, 2025
Sunday, April 6, 2025
Saturday, March 15, 2025
Friday, February 7, 2025
Saturday, January 25, 2025
Saturday, January 18, 2025
Tuesday, January 14, 2025
Saturday, January 4, 2025
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