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प्रभात कॉमिक्स-२३४-चौबे जी की दावत
मुझे आज तक ये नहीं समझ आया की सभी पंडितों के पीछे क्यों पड़े रहते है। कभी तो आप उसे दरिद्र दिखाओगे, कभी धूर्त। अब सीधा सा सवाल जो धूर्त हो वो दरिद्र कैसे हो सकता है। और जो दरिद्र है वो धूर्त कैसे हो सकता है। मुझे तो आजतक कोई ऐसा पंडित नहीं मिला है जो किसी को जबरदस्ती पूजा करवाने के लिए कहता हो। या आजतक मैंने तो कभी नहीं सुना की कोई पंडित आपको समाज से सिर्फ इसलिए निकाल दिया हो की आपने अपने बच्चे का नामकरण किसी पंडित से न करवा हो। कहानी हो या फिल्म सबमे पंडितों का नक्कारा , धूर्त , पेटू ,और दरिद्र दिखाया गया है।
अब मुझे कोई समझाए ये सभी गुण एक ही व्यक्ति में कैसे संभव है ???
आप स्वयं सोच कर देखे आप जितने भी पंडितों से मिले है क्या सभी इसी तरह के है ????
क्या जिसने मंदिर या न्यायालय में शादी कर ली हो उसके खिलाफ पंडितों ने कोई मोर्चा निकाला हो ???
Thanks Bhai
ReplyDeleteWelcome Brother
DeleteWelcome Brother
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