Monday, May 11, 2020

Goyal Comics-53-Youngmaster Ka Pratishodh


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गोयल कॉमिक्स-५३-यंगमास्टर का प्रतिशोध
 ये हनीफ अज़हर जी की लिखी एक बेहतरीन कहानी है। यांगमास्टर के साथ दो बड़े कॉमिक्स जगत के स्टार का नाम जुड़ा है एक तो हनीफ अज़हर जी जिन्होंने यंगमास्टर की कई कहानियों को लिखा दूसरे चित्रकार "मनु " जी का (वही डोगा और परमाणु वाले ) दोनों ने यंगमास्टर की कई कॉमिक्स में काम किया था। यहाँ एक मज़ेदार बात बताना चाहता हूँ। जब लॉकडाउन हुवा तो मुझे महसूस हुवा की हम दुबारा से कॉमिक्स के छूटे हुए कहानी को पूरी कर लें। इसके लिए मैंने एक व्हाटऑप ग्रुप बनाया और सबके लिए उसे ओपन रखा। और अपने पुराने मित्रों जो कॉमिक्स स्कैनिंग और अपलोडिंग अभी भी कर रहे थे। अभी ग्रुप शुरू ही हुआ था की एक मैसज आता है जिसमे अपना इंट्रो देते हुए बताया जाता है की वो हनीफ अज़हर / नज़ारा खान नाम से लिखने वाले लेखक है। हम सब हनीफ अज़हर जी को जानते थे नाम से पर ग्रुप में कोई दावा करे तो विश्वास करना मुश्किल था। फिर भी हम किसी का शक के आधार पर कुछ कह नहीं सकते थे। इसलिए उन्हें हनीफ अज़हर जी मान कर ही उनका स्वागत किया गया। फिर एक दिन मुझे फ़ोन आया और काफी देर उनसे बात हुयी तब जा कर हमें यकीन हुवा की वो हनीफ जी ही है। हनीफ जी ने मनोज कॉमिक्स, राज कॉमिक्स,परम्परा कॉमिक्स,गोयल कॉमिक्स,राधा कॉमिक्स के लिए कई कहानियां लिखी है। मनोज कॉमिक्स के लिए इन्होने "तूफान", "इंद्र" और विध्वंस के लिए बहुत लिखा। साथ में राम-रहीम की ड्रैकुला की वापसी, ड्रैकुला दिल्ली में, ड्रैकुला का प्रेतजाल, ड्रैकुला आया मौत लाया भी इन्होने ही लिखी थी। राज कॉमिक्स के लिए इन्होने इंस्पेक्टर स्टील, परमाणु और त्रिरंगा के लिए कई कहानियाँ लिखी। लेकिन इनकी असली ताकत तो हॉरर कहानियॉ लिखने में थी। हॉरर कहानियॉ लिखना सबसे मुश्किल काम है क्योंकि कहानी तो कुछ होती ही नहीं। किसी ने किसी को मार डाला फिर आत्मा का बदला लेना। परन्तु इनकी कहानी पढ़ेंगे तो पाएंगे की उसमे भी इन्होने ने बहुत अलग कहानी दी है। मुझे मनोज कॉमिक्स में "कब्रिस्तान की घडी" और "मुर्दा नंबर ४०२" कभी नहीं भूलती जिसमे इतनी अलग कहानी दे देना सबके बस की बात नहीं है। ये उन गिने चुने लेखकों में से है जिनका नाम पढ़कर कॉमिक्स खरीदता था। ईश्वर आपको लंबी उम्र दे।

21 comments:

  1. Wah, thanks a lot again Manoj bhai������������������������������

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  2. Sorry by mistake
    Thanks a lot again Manoj bhai👍👍👌👌👌🙏🙏🙏💐💐💐💐💐💐💐💐

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  3. Thank u so much manoj ji🙏🙏🙏

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  4. thanks manoj bhai.... haneef ji ki jitni tareef ki jaaye, kam hai.

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  5. https://www.facebook.com/comicsduniya/,,,,मनोज भाई धन्यवाद ,,,,,,,,राज कॉमिक्स अप्प बेकार है,, राज कॉमिक्स वालो ने सब जगह से उपलोड रियर कॉमिक्स डीलीत करवा दिया ,, और एप पर भी कुछ खास नहीं है ,, उन्होंने बंद हो चुके पुब्लिकतिओन्स के राइट्स तो खरीद लिए ,,, लेकिन डाटा कंट्रीबुटोर्स से हासिल किया ,,, और अब अप्प पर भी थोड़ी सी कॉमिक्स दी बस,,,राज कॉमिक्स न तो खुद लुप्त कॉमिक्स का संरक्षण कर पायी थी न कर पायेगी ,,,उल्टा नेट से सब कॉमिक्स हटवा जरूर देगी ,,,,,,

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  6. ye hi is company ki sabse badi kami hai in murkho ko lagta tha ki blog se lakho kama rahe hai jab ki sach bus itna hi ki is blog ne mujhe abhi tak 10 saal se ek paisa nahi diya hai

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  7. Thanks, you are uploading very good quality comics. and keep doing this so that we can enjoy rare comics. I want to ask if I can request comics to upload or not?

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    1. Thanks a lot brother
      yes you can put ur request but full fill of request totally depends on comics and time available for me

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    2. Thanks, i've been reading comics since 1993. i've collection of about 2000 comics including raj , Manoj andfew tulsi. I have been downloading pdf of comics i don't have. so I' like to read to read vajra series of Bhokal. from chamatkari Bholak to Kali kanthi and babandar. i found these in other blog but not in good quality. so if if you have any the n please share.

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  8. मनोज भाई, आपका बहुत अभिनन्दन. आज के आधुनिक युग के मरुस्थल में कॉमिक्स रुपी अमृत उपलब्ध करने के लिए साभिनन्दन आभार !!!!!!!!!!!!!!!!!

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  9. बहोत बहोत धन्यवाद इस नायाब तौफे के लिए !!!!!
    आपका कार्य सराहनीय है !!!
    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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  10. हम टेलीग्राम पे ग्रुप बना के कॉमिक्स शेयर कर सकते है |
    टेलीग्राम पर किसीको अपना मोबाईल नम्बर जाहिर करनेकी जरुरत नहीं पड़ती |
    कृपया सुझाव पर गौर करें

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    1. टेलीग्राम पर कॉमिक्स शेयर करने का आइडिया ठीक हैं।
      क्लोज ग्रुप के अपने फायदे और नुकसान है।
      कुछ भी शेयर कर सकने के फायदे है। परन्तु ब्लॉग के मुकाबले रीच ना के बराबर है। कॉमिक्स की रीच बढ़ाने का ब्लॉग से अच्छा कोई तरीका फिलहाल नहीं है।

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