राधा कॉमिक्स- पिशाच रोबोट
ये प्रोफेसर प्रेमनाथ/प्रेतनाथ की एक और शानदार कॉमिक्स है. और मेरे विचार से ये इस सिरीज़ की आखरी कॉमिक्स है. प्रोफ़ेसर प्रेमनाथ इसके बाद मुझे बौना जासूस की कॉमिक्स 'काफिया का तहलका' में नज़र आये थे. पर अलग से इनकी कोई और कॉमिक्स मेरी नज़र में नहीं आई, अगर किसी के पास इन कॉमिक्स के बाद भी कोई कॉमिक्स है तो इसे जरुर यहाँ बताये और अगर संभव हो तो उसे अपलोड भी करें.
अब बात करते है प्रोफ़ेसर साहब की, अभी भी अपनी बनायीं भूत मशीन की बेहरबानी से भूत बन कर घूम रहे है, और ऐसा लगता है की कभी दुबारा इंसान नहीं बन पाएंगे, और पिछली बार जिस तरह उन्होंने एक ख़ूनी का पता लगाकर लोगो की मदद की थी इस बार वो भूतों की मदद करेंगे, "पिशाच रोबोट" से . किसी सनकी ने बनाया पिशाच रोबोट, जो सब भूतो को क़ैद करता जा रहा था और 'भूतों के शहंशाह' की ये नैतिक जिम्मदारी बनती है की वो अपनी प्रजा की मदद करें और खुद की भी. वरना भूत बनकर भी आजाद नहीं रह पाएंगे. अब वो किस तरह इस मुशीबत से बचते है और कैसे सभी भूतों को बचाते है, यही हम को यहाँ पढने को मिलेगा. इसे पढ़िए और इस बेहतर कहानी का आनंद लीजिये. तब तक मै अपनी इन्तहान की तैयारी करता हूँ. फिर मिलते है .......
ये प्रोफेसर प्रेमनाथ/प्रेतनाथ की एक और शानदार कॉमिक्स है. और मेरे विचार से ये इस सिरीज़ की आखरी कॉमिक्स है. प्रोफ़ेसर प्रेमनाथ इसके बाद मुझे बौना जासूस की कॉमिक्स 'काफिया का तहलका' में नज़र आये थे. पर अलग से इनकी कोई और कॉमिक्स मेरी नज़र में नहीं आई, अगर किसी के पास इन कॉमिक्स के बाद भी कोई कॉमिक्स है तो इसे जरुर यहाँ बताये और अगर संभव हो तो उसे अपलोड भी करें.
अब बात करते है प्रोफ़ेसर साहब की, अभी भी अपनी बनायीं भूत मशीन की बेहरबानी से भूत बन कर घूम रहे है, और ऐसा लगता है की कभी दुबारा इंसान नहीं बन पाएंगे, और पिछली बार जिस तरह उन्होंने एक ख़ूनी का पता लगाकर लोगो की मदद की थी इस बार वो भूतों की मदद करेंगे, "पिशाच रोबोट" से . किसी सनकी ने बनाया पिशाच रोबोट, जो सब भूतो को क़ैद करता जा रहा था और 'भूतों के शहंशाह' की ये नैतिक जिम्मदारी बनती है की वो अपनी प्रजा की मदद करें और खुद की भी. वरना भूत बनकर भी आजाद नहीं रह पाएंगे. अब वो किस तरह इस मुशीबत से बचते है और कैसे सभी भूतों को बचाते है, यही हम को यहाँ पढने को मिलेगा. इसे पढ़िए और इस बेहतर कहानी का आनंद लीजिये. तब तक मै अपनी इन्तहान की तैयारी करता हूँ. फिर मिलते है .......

मनोज भाई नमस्कार ,,, मनोज भाई आज ईमेल से प्राप्त, प्रोफेसर भूतनाथ कॉमिक्स का कोई भी दौनलोड लिंक से कॉमिक्स दौनलोड नहीं हो रही है जो mega.nz पे आपने उपलोड किये हैं ,,,,,,
ReplyDeletettp://manojcomis.blogspot.com/ मनोज भाई आपका ये वाला ब्लॉग This blog is open to invited readers only लिखा हुआ आता है किर्पया मुझको इन्वैत करिए में आपका पुराना प्रशंशक हु, लखनऊ से ,,,
ReplyDeleteThanxs bhai.
ReplyDeleteबहोत बहोत धन्यवाद मनोजजी !!!
ReplyDeleteबहोतही दुर्लभ रत्न है, ये कॉमिक्स !!
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Drekula ka preatjaal-manoj comic mi hai
ReplyDeleteradhe Best coworking space in Jaipur
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